प्योंगयांग। उत्तर कोरिया का तानाशाह शासक किम जोंग उन कैदियों को यातनाएं देने के मामले में नाजी शासक हिटलर को भी पीछे छोड़ चुका है। उत्तर कोरिया की सेना में काम कर चुकी पूर्व महिला गॉर्ड का दावा है कि टॉर्चर करने के मामले में तानाशाह किम बेहद क्रूर है।
एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के अनुसार लिम हाइ-जिन नामक गॉर्ड ने दावा किया है कि यातना गृहों में करीब दो लाख लोग कैद हैं। उसने अपनी आंखों के सामने हजारों कैदियों का रेप और हत्या होते हुए देखी है। उत्तर कोरिया के लेबर कैंप में कैदियों के साथ बेहद अमानवीय व्यवहार किया जाता है।
किम एक घटना का जिक्र करते हुए बताती हैं, एक बार दो कैदी भाइयों का सिर सबके सामने काट दिया गया। साथ ही सारे कैदियों को उन पर पत्थर फेंकने के लिए कहा गया। कैंप में सात साल तक गॉर्ड रही लिम ने कहा कि इस घटना के बाद वह कई दिनों तक खाना नहीं खा सकी। वह हर दिन नियमित हत्याएं, यातना और राजनीतिक कैदियों की बलात्कार की घटनाएं देखती थीं।
भूख से दम तोड़ रहे कैदी
तानाशाह के पूर्व कैदी बताते हैं कि देश में आधा दर्जन से ज्यादा जगहों पर ऐसे यातना शिविर चल रहे हैं। यहां लोगों को काम करा-करा कर मार डाला जा रहा है। कई कैदी भूख से दम तोड़ रहे हैं। उत्तर कोरियाई कैंपों में गार्ड बार-बार कैदियों को ये याद दिलाते रहते हैं कि उनकी जिंदगी जानवरों से ज्यादा कीमती नहीं। मजदूरों से सातों दिन काम लिया जाता है और उन्हें 16 घंटे काम करना होता है।
300 से ज्यादा कैदी एक साथ मरे
लिम एक घटना का उल्लेख करते हुए कहती हैं कि एक बार उन्हें एक कैदी ने बताया, खदान में काम करने के दौरान अचानक आग लग गई। ऐसे में कोरियाई सैनिकों ने आग ज्यादा नहीं फैले इसके लिए खदान को बंद कर दिया। उस समय खदान में 300 से ज्यादा कैदी काम कर रहे थे और सभी मारे गए।
महिला कैदियों से बलात्कार
लिम ने बताया कि पुरुष गार्ड शिविरों में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करते हैं और कहते हैं कि महिला कैदियों के साथ उनके अफेयर हैं। यह मूल रूप से बलात्कार था क्योंकि कैदियों को नहीं कहने का अधिकार नहीं था। यदि महिलाएं गर्भवती हो जाती हैं तो उनका गर्भपात करा दिया जाता है। इसके बावजूद अगर बच्चे पैदा होते हैं तो उन्हें जिंदा दफन कर दिया जाता है।