बर्लिन। देश में चरमपंथी हमलों को रोकने के उद्देश्य से जर्मन सांसदों ने पूरा चेहरा ढंकने वाले बुर्के पर आंशिक रूप से प्रतिबंध लगाने और कई अन्य सुरक्षा संबंधी उपायों को मंजूरी दी है।
ये नए नियम कई जिहादी हमले होने के बाद लाए गए हैं। इन हमलों में बर्लिन के क्रिसमस बाजार में ट्रक घुसाकर किया गया हमला शामिल है। उस हमले में 12 लोग मारे गए थे।
यह प्रतिबंध चुनाव अधिकारी, सेना और न्यायपालिका के कर्मियों समेत सरकारी सेवकों पर लागू होगा। निचले सदन में कल शाम पारित किए गए कानून में कहा गया है, ‘‘देश का कर्तव्य है कि वह अपने आप को वैचारिक और धार्मिक रूप से तटस्थ तरीके से पेश करें।’’ जर्मनी ने वर्ष 2015 से लेकर अब तक दस लाख से अधिक प्रवासियों और शरणार्थियों को अपने यहां आश्रय दिया है जिनमें से ज्यादातर मुस्लिम देशों से हैं।
इससे देश में विदेशियों के प्रति डर की भावना पैदा हो गई और जर्मनी में दक्षिणपंथी पार्टी को बढ़ावा मिला है जिसने शरणर्थियों के प्रवेश को आतंकवाद के बढ़ते खतरे से जोड़ने का प्रयास किया है।
संक्रामक बीमारियों के खिलाफ खुद की सुरक्षा करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों या अपनी पहचान छिपाने के लिए पुलिस अधिकारियों को पूरा चेहरे ढंकने वाले प्रतिबंध से छूट दी गई है।