नई दिल्ली। फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुई गोलीबारी की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) ने ले ली है। गुरुवार को पेरिस में एक बंदूकधारी ने पुलिस बस पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी थीं जिसमें एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई जबकि दो घायल हो गए थे।
आईएस ने ट्वीट कर हमलावर की पहचान बेल्जियम के नागरिक अबू युसूफ अल-बालजिकी के रूप में की है जो उनका लड़ाका है। आईएस ने दावा किया है कि इस घटना को उनके एक लड़ाके ने अंजाम दिया है। पुलिसकर्मियों पर दनादन गोलियां बरसाने वाला हालांकि यह हमलावर पुलिस ने मौके पर ही मार गिराया। यह घटना गुरुवार रात नौ बजे चैम्प्स एलिस के ट्रैफिक सिग्नल पर हुई जब हमलावर ने पुलिस बस के सिग्नल पर रुकते ही गोलियां चलानी शुरु कर दी थीं।
वहीं, गृह मंत्रालय के प्रवक्ता पिएरे हेनरी ब्रैंडेट के हवाले से बताया गया है कि वहां मौजूद बंदूकधारी ने स्वचालित हथियार से बस पर गोलीबारी करनी शुरू कर दी। ब्रैंडेट ने कहा- पुलिसकर्मियों को जानबूझकर निशाना बनाया गया। साक्ष्यों और प्रत्यक्षदशिर्यों के बयानों से पता चलता है कि हमले को एक ही शख्स ने अंजाम दिया।
गौरतलब है कि यह घटना ऐसे वक्त हुई है जब देश में पहले दौर के राष्ट्रपति चुनाव होने में बस तीन दिन बचे हैं। पेरिस के मुख्य अभियोजक फ्रांस्वा मोलिन्स ने बताया कि पुलिस ने हमलावर की पहचान की पुष्टि कर दी है लेकिन अभी नाम का खुलासा नहीं किया गया है।
समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, जांचकर्ता पहले ही उपनगरीय पेरिस में हमलावर के घर की तलाशी ले चुके हैं। वहीं, फ्रांस के मौजूदा राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कहा कि वह इस बात से सहमत हैं कि इस घटना को किसी आतंकवादी ने अंजाम दिया है।
ओलांद ने टेलीविजन पर अपने संबोधन में कहा, 'हम देश में और हर जगह आतंकवाद का सामना करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।' उन्होंने कहा कि प्रशासन को विशेष रूप से चुनाव के दौरान संभावित खतरे के मद्देनजर हाई अलर्ट पर बरकरार रखा जाएगा।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ओलांद के टेलीविजन संबोधन से पहले कहा कि पेरिस में हुई घटना आतंकवादी हमले जैसी प्रतीत हो रही है। उन्होंने वाशिंगटन में इटली के प्रधानमंत्री पाओलो गेंटीलोनी के साथ संयुक्त सम्मेलन में कहा कि यह हिंसा कभी खत्म नहीं होगी।
घटना के तुरंत बाद पुलिस ने आस पास के सभी मेट्रो स्टेशनों को भी बंद करया था। घटनास्थल को पुलिस ने चाक-चौबंद कर दिया है और सशस्त्र बलों को तैनात कर दिया है। पिछले कुछ समय से कई आतंकी हमलों को झेलने चुके फ्रांस में आपात स्थिति लागू है। इससे पहले साल 2015 के बाद से फ्रांस में कई आतंकी हमले हो चुके हैं, जिनमें तकरीबन 230 लोग मारे गए हैं।