न्यू यॉर्क। दुनिया के सबसे मशहूर जहाज टाइटेनिक के डूबने की असली वजह सिर्फ उसका बड़े हिमखंड से टकराना नहीं, बल्कि समुद्री जहाज के बॉयलर कक्ष में आग लगना था। इस बात का दावा एक नए वृत्तचित्र में किया गया है। वर्ष 1912 में हुए इस हादसे में 1500 से ज्यादा लोग मारे गए थे।
बॉयलर कक्ष के कोयला बंकर में आग के सुलगते रहने के कारण टाइटेनिक जहाज की पेंदी पूरी तरह से कमजोर हो गई थी। वृत्तचित्र में इस बात का दावा आइरिश पत्रकार और लेखक सेनन मोलॉनी ने किया है।
तस्वीरों ने बताई हादसे की हकीकत, जहाज की पेंदी में मिले काले धब्बे
साउथेम्पटन की तरफ जाने से पहले तस्वीरों में जहाज की पेंदी पर काले धब्बे हैं। यह वही जगह है जहां बड़े हिमखंड से जहाज की टक्कर हुई थी, जिससे इस थ्योरी को बल मिलता है।
मोलॉनी ने 30 साल तक इस हादसे पर शोध किया है। द टाइम्स ने मोलॉनी की इस बात को उद्धृत किया है। मोलॉनी का दावा है कि टाइटेनिक का निर्माण करने वाली कंपनी के अध्यक्ष जे ब्रुस इस्माय को जहाज पर कुछ लाइफबोट रखने के लिए जीवनपर्यंत कायर कहा गया। उन्हें आग के बारे में पता था लेकिन बाद में उन्होंने इसे तवज्जो नहीं दी।
हादसे के कई कारण सामने आए
मोलॉनी के वृत्तचित्र का नाम ‘टाइटेनिक: द न्यू एविडेंस’ है। इसका प्रसारण चैनल 4 पर किया जाएगा। उनके हवाले से कहा गया, आधिकारिक टाइटेनिक जांच में जहाज के डूबने को दैवीय आपदा बताया गया था, लेकिन यह सिर्फ हिमखंड से टकराकर डूबने की कहानी नहीं है, बल्कि इसमें आग, बर्फ और आपराधिक लापरवाही जैसे कारण भी शामिल हैं।