काराकस। वेनेजुएला में नोटबंदी के बाद हुई हिंसा-लूटपाट को देखते हुए सरकार ने हफ्ते भर बाद ही फैसला वापस ले लिया है। वेनेजुएला सरकार के नोटबंदी फैसले से कैश की भारी किल्लत हो गई और नई करंसी नहीं मिलने से संकट गहरा गया।
भारत की तर्ज पर हुई नोटबंदी में वेनेजुएला की सरकार ने 100 बोलिवर के नोट को चलन से बाहर किया था। सरकार ने अब 2 जनवरी तक 100 बोलिवर के नोट को चलाए जाने की इजाजत दी है। अब आगे क्या होगा इसे लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है।
वेनेज़ुएला में नोटबंदी के इस फैसले के बाद नोट बदलने या जमा करने के लिए लंबी कतारें देखी गई थी। नकदी के संकट के कारण हजारों दुकानें बंद हो गई और लोगों को क्रेडिट कार्ड या बैंक ट्रांसफर के जरिए लेन-देन करने के लिए बाध्य किया गया।
कई लोगों के साथ तो संकट इस कदर गंभीर हो गया कि उनके लिए खाने-पीने की चीजें खरीदना मुश्किल हो गया। वेनेजुएला सरकार ने 500, 2000 और 20,000 बोलिवर की नई करेंसी जारी की थी। नोटबंदी के फैसले को फिलहाल जनवरी तक के लिए टाल दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को नाराजगी का ये आलम था कि छह शहरों से झड़पों की खबरें मिली। रिपोर्ट में कहा गया है कि 32 लोगों को हिरासत में लिया गया है और झड़पों में एक व्यक्ति घायल भी हुआ है।
वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने इस पूरी अफरातफरी को एक अंतरराष्ट्रीय साजिश बताया है। वेनेजुएला के राष्ट्रपति ने भारत में नोटबंदी के बाद यह ऐलान किया था। इस ऐलान की किसी को उम्मीद नहीं थी।
क्यों स्थिति बेकाबू हुई?
सरकार के मुताबिक नई करेंसी से भरे तीन हवाई जहाज वेनेजुएला नहीं पहुंच सके जिससे देश में नोटबंदी की स्थिति बेकाबू हो गई। बैंकों के बाहर लंबी-लंबी कतारें लग गई, सैकड़ों दुकानों को लूट लिया गया और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन होने लगे।