अलेप्पो। सीरिया में विद्रोहियों ने दावा किया है कि राष्ट्रपति बशर अल-असद की सेना अलेप्पो में महिलाओं के साथ सबसे ज्यादा बर्बर है। स्थिति यह है कि महिलाओं को बलात्कार से बचने के लिए आत्महत्या करना पड़ रही है।
जैसे-जैसे सीरियाई फौज पूर्वी अलेप्पो की ओर बढ़ रही है, वैसे-वैसे इस इलाके में रहने वाले नागरिकों की मुसीबतें बढ़ रही हैं। कई लोगों को बंधक बना लिया गया है। लगातार हो रही बमबारी, खाना न मिलने, पानी और स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में लोगों का जीना मुश्किल हो रहा है।
महिलाएं सबसे बुरी स्थिति में हैं। अभी तक 20 महिलाओं ने सीरियाई सेना द्वारा बलात्कार से बचने के लिए आत्महत्या कर ली है। विद्रोही गुट के अब्दुल्लाह ओथमान के मुताबिक बुधवार सुबह 20 महिलाओं ने रेप से बचने के लिए आत्महत्या कर ली। यही नहीं पुरुष, महिलाओं और बच्चों को खड़े-खड़े आग के हवाले कर दिया जाता है। महिलाओं और बच्चों की चीख-पुकार की आवाजें हर तरफ से आ रही हैं।
समझौते के बाद अलेप्पो से निकलने लगे विद्रोही
निकासी के एक समझौते के तहत सैकड़ों नागरिकों और विद्रोहियों ने गुरुवार को सीरिया का अलेप्पो शहर छोड़ दिया। यह समझौता कई सालों की लड़ाई के बाद सीरियाई शासन को शहर पर पूरी तरह से कब्जा करने की इजाजत देगा।
इस बीच, राष्ट्रपति बशद अल असद ने अलेप्पो की ‘मुक्ति’ पर सीरियावासियों को बधाई दी। इससे पहले पूर्वी अलेप्पो के विद्रोहियों के कब्जे वाले हिस्सों को छोड़ने की नागरिकों और लड़ाकों के लिए एक शुरुआती योजना एक दिन पहले ही धराशायी हो गई थी। फिर से झड़पें होने के चलते ऐसा हुआ था। एंबुलेंसों और बसों के एक काफिले के साथ निकासी शुरू हुई।
ये वाहन दक्षिण अलेप्पो में स्थानीय समय के मुताबिक दोपहर ढाई बजे सरकार के कब्जे वाले जिले में घुसे। सीरियाई सेना में मौजूद एक सूत्र ने बताया कि 108 घायल सहित 951 लोग काफिले में थे। ज्यादातर लोग नागरिक थे लेकिन करीब 200 विद्रोही लड़ाके उनमें थे। सीरिया में संघर्ष में अब तक 3,10,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।
बहरहाल, अलेप्पो विद्रोहियों के हाथों से निकल गया है लेकिन विद्रोहियों के कब्जे में सबसे बड़ा गढ़ इदलीब प्रांत बचा हुआ है। विदेश मंत्री मेवलुत कावासोगलु ने बताया, 'हम समूचे देश में एक संघर्षविराम सुनिश्चित करने और राजनीतिक हल शुरू करने के लिए बातचीत की कोशिश कर रहे हैं।