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ट्रंप के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग, डोनाल्ड हमारे राष्ट्रपति नहीं

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Nov 10 2016 10:04PM | Updated Date: Nov 10 2016 10:04PM
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न्यूयार्क। अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के खिलाफ प्रदर्शन के लिए समूचे अमेरिका में लाखों लोग सड़कों पर उतरे। लोगों ने ट्रंप की कट्टर व नस्लवादी विचारों की आलोचना करते हुए आव्रजन और मुस्लिमों पर चुनावी घोषणाओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में हिलेरी क्लिंटन के खिलाफ जीत दर्ज करने के महज एक दिन बाद ही सभी उम्र, धर्म एवं राष्ट्रीयताओं के लोग न्यूयॉर्क, शिकागो, फिलाडेल्फिया, बोस्टन, कैलिफोर्निया, कोलोराडो, सीएटल और अन्य शहरों के प्रमुख स्थानों पर इकट्ठा हुए और ट्रंप के खिलाफ प्रदर्शन किया। कई तख्तियां थामे प्रदर्शनकारी सड़कों और राजमार्गों पर चलती यातायात के बीच चलते दिखाई दिए और ‘और घृणा नहीं’ और ‘ट्रंप हमारे राष्ट्रपति नहीं’ जैसे नारे लगाते हुए अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे थे।

सड़कें हुई बंद
न्यूयॉर्क में प्रदर्शनकारी फिफ्थ एवेन्यू की 14वें स्ट्रीट से करीब 40 स्ट्रीट तक चलकर गए, जहां ट्रंप के प्रचार अभियान का मुख्यालय ‘द ट्रंप टावर्स’ स्थित है। प्रदर्शन के चलते टॉवर के आस पास की सड़कें पूरी तरह से बंद हो गई थीं।

समूह ने किया विरोध प्रदर्शन का आयोजन
‘सोशलिस्ट अल्टरनेटिव’ नामक एक समूह ने शहर और देश के अन्य हिस्सों में प्रदर्शन का आयोजन किया और लोगों से एकजुट होकर ट्रंप के खिलाफ ‘व्यापक विरोध’ प्रदर्शन का अनुरोध किया।

इसलिए है ट्रंप से नाराजगी
युवा लातीनी केली लोपेज ने कहा कि ट्रंप अमेरिका के अगले राष्ट्रपति होने की बात स्पष्ट हो जाने के बाद सुबह से वह निराश थीं।

उन्होंने कहा कि अपने समूचे अभियान में नस्लवाद, कट्टरता, फासिज्म और महिलाओं एवं अल्पसंख्यकों का अपमान करने वाला शख्स एक रात में बदल नहीं सकता और यह नहीं कह सकता कि वह सभी अमेरिकी लोगों के लिए काम करेगा।

एग्जिट पोल का दावा बदलाव के वादे ने ट्रंप को जिताया चुनाव
डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जिताने में श्वेत और पुरुष वोटरों की अहम भूमिका रहीं। वहीं अश्वेत और महिलाओं का ज्यादा वोट हिलेरी क्लिंटन को मिला। एडिसन रिसर्च ने मतदाता सर्वे के आधार पर यह दावा किया है कि बदलाव के वादे पर ट्रंप को सबसे ज्यादा समर्थन मिला। 12 करोड़ से ज्यादा रजिस्टर्ड मतदाताओं में से 25 हजार मतदाता इस सर्वे में शामिल हुए।

इन वादों से बनी ‘अबकी बार ट्रंप सरकार!
एक साल के धुआंधार प्रचार पर अमेरिकियों ने अपना फैसला सुना दिया। अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की राह उनके किन प्रमुख वादों ने आसान की और क्या ट्रंप अपने ये वादे पूरे कर पाएंगे? एक नजर...

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में भी चला हिंदी का जादू
अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में मतदान की रसीद में हिंदी को भी स्थान दिया गया। अमेरिका में बोले जाने वाली भारतीय भाषाओं में हिन्दी ही सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है।

8 नवंबर को मतदान के बाद जो धन्यवाद की रसीद दी गई, उसमें हिंदी में लिखा गया कि 8 नवंबर 2016 को आम चुनाव में मतदान के लिए धन्यवाद! 2015 के आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका में हिंदी बोलने वालों की संख्या लगभग 6.5 लाख थी।

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