इस्लामाबाद। पाकिस्तान के विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत से अमेरिका की नीति में और तेजी के साथ परिवर्तन आ सकता है और उसका अधिक झुकाव भारत की ओर बढ़ सकता है।
पाक मीडिया के अनुसार विशेषज्ञों का कहना है कि पाक इस क्षेत्र में अमेरिका का पुराना सहयोगी देश रहा है लेकिन ओबामा प्रशासन के दौरान आतंकवादियों को शरण देने के मामले को लेकर इस देश के प्रति उसकी नीतियों में परिवर्तन आया है और उसका झुकाव भारत की तरफ बढ़ा है।
मई के महीने में अमेरिकी ड्रोन हमले में पाकिस्तान की जमीन पर तालिबान नेता के मारे जाने के बाद अमेरिका तथा पाकिस्तान का संबंध काफी निचले स्तर पर आ गया।
इसके साथ ही इस वर्ष कश्मीर में भारत के 19 सैनिकों के मारे जाने के बाद से भारत के साथ भी पाकिसतान के संबंध अधिक तनावपूर्ण हो गए है और इस मामले में अमेरिकी प्रशासन का झुकाव भारत की तरफ है।
मुस्लिम विरोधी है ट्रम्प
विशेषज्ञों के अनुसार अमेरिका-पाक का साथ नहीं छोड़ सकता है किन्तु ट्रम्प के नेतृत्व में उसका अधिक झुकाव भारत की ओर हो सकता है और उनका प्रशासन पाकिस्तान पर छोटे परमाणु अस्त्रों का निर्माण बंद करने के लिए दबाव बना सकता है। अपने चुनाव प्रचार के दौरान ट्रम्प पहले ही मुस्लिम विरोधी टिप्पणियों के अलावा पाकिस्तान के परमाणु अस्त्रों को खतरनाक बता चुके है।
हिलेरी से ज्यादा सख्त है ट्रम्प
लाहौर के रहने वाले विदेश मामलों के एनालिस्ट हसन असकरी रिजवी का कहना है, अमेरिका पाकिस्तान का साथ नहीं छोड़ सकता है। लेकिन ट्रम्प पाकिस्तान के लिए हिलेरी से ज्यादा सख्त साबित हो सकते हैं।