बर्लिन। जर्मनी के एसन स्थित गुरद्वारे पर हुए आतंकी बम हमले की जांच कर रहे अधिकारियों ने माना है कि हमले के दो मुख्य संदिग्धों में से एक के स्कूल से जनवरी में मिली चेतावनी को नजरअंदाज कर उन्होंने गलती की थी। अब इस चूक की आतंरिक जांच की जा रही है। नानकसार सत्संग सभा गुरद्वारे पर करीब एक माह पहले हमला किया गया था। जेलसेंकिरचेन शहर की पुलिस ने कहा कि एक माध्यमिक स्कूल के प्रमुख ने उन्हें बताया था
कि जनवरी में 16 वर्षीय छात्र यूसुफ टी ने स्वनिर्मित विस्फोटक उपकरण के विस्फोट का एक वीडियो अपने मोबाइल फोन पर अपने सहपाठियों को दिखाया था। पुलिस के अनुसार, यह जानकारी मिलने के बावजूद उसने न्यायिक प्राधिकारियों को सतर्क नहीं किया था। क्षेत्रीय अखबार वेस्टड्यूश एल्गेमाइन जीटुंग (डब्ल्यूएजेड) ने कल एक पुलिस अधिकारी के हवाले से बताया कि युवक के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय पुलिस स्कूल प्रबंधन के सहयोग से छात्रों पर आचार संहिता लागू करने के लिए सहमत हो गई और यह गलत फैसला था।
खबर में कहा गया है कि अब पुलिस इस बात की आंतरिक जांच कर रही है कि चेतावनी को पूरी तरह गंभीरता से क्यों नहीं लिया गया। टीवी चैनल डब्ल्यूडीआर की एक खबर में कहा गया है कि जांचकर्ताओं ने पिछले साल क्रिसमस से कुछ ही पहले यूसुफ के घर पर छापा मार कर उसके कमरे की तलाशी ली थी और उसका कंप्यूटर तथा मोबाइल फोन जब्त कर लिया था।