टोक्यो। जापान सरकार ने स्पष्ट किया है कि ओमान की खाड़ी में जापानी गश्ती जहाज भेजे जाने की योजना पहले से ही तय थी और अमेरिका तथा ईरान के बीच जारी तनाव और मौजूदा घटनाक्रम से इससे पर कोई असर नहीं पड़ेगा। जापान के मुख्य मंत्रिमंडलीय सचिव योशीहिदे सुगा ने बुधवार को संवाददाताओें को बताया कि जापान सरकार ने पिछले वर्ष दिसंबर में ही ओमान की खाड़ी में गश्त लगाने और वहां की जानकारी जुटाने के लिए एक विध्वंसक को भेजने का फैसला लिया था और इस समय ईरान तथा अमेरिका के बीच जो तनाव है उससे इस पर कोई असर नहीं पडेगा।
उन्होंने कहा कि जापान पूरी स्थिति पर नजर रखेगा और इस क्षेत्र में अपनी रक्षा करने के लिए सेनाएं भेजने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस क्षेत्र में एक वर्ष तक जारी इस अभियान में तटीय निगरानी वायुयान लाकहीड पी-3 ओरियोन भी शामिल होगा और कुल 260 जापानी सैनिक इस अभियान में हिस्सा लेंगे। उन्होंने बताया कि इस मिशन पर 4Þ7 अरब जापानी येन खर्च आएगा और इस मिशन की शुरूआत फरवरी में होगी तथा इस जहाज पर तैनात सैनिक जापानी जहाजों की सुरक्षा के लिए आपातकालीन स्थिति में ही हथियारों का इस्तेमाल करेंगे। उन्होंने कहा कि गश्ती निगरानी क्षेत्र से हारमूज जल संधि और फारस की खाड़ी को बाहर रखा जाएगा। गौरतलब है कि जापान के ईरान के साथ दोस्ताना संबंध हैं।