टोक्यो। जापान के विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोतेगी ने कहा है कि क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) पर चल रही वार्ता पर भारत सहित 16 सदस्य राष्ट्रों को अंतिम निष्कर्ष निकालना चाहिए। इस महीने की शुरुआत में बैंकाक में आरसीईपी शिखर सम्मेलन में भारत ने अपने सबसे संवेदनशील नागरिकों की आजीविका पर खतरे की आशंका का हवाला देते हुए एशिया-प्रशांत मुक्त व्यापार व्यवस्था से बाहर रहने का निर्णय लिया था। बैंकॉक बैठक के तुरंत बाद जापानी व्यापार मंत्री हिरोशी कजियामा ने कहा कि जापान एक ऐसे सौदे की दिशा में काम करेगा जिसमें भारत भी शामिल हो। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा देश भारत सहित सभी 16 देशों के बीच एक प्रारंभिक समझौते तक पहुंचने की दिशा में अग्रणी भूमिका निभाना चाहता है, जिस पर 2020 में हस्ताक्षर करने का लक्ष्य हो।’’
मुख्य कैबिनेट सचिव योशीहिदे सुगा ने कहा, ‘‘जापान भारत सहित 16 देशों के आरसीईपी समझौते पर हस्ताक्षर करने की दिशा में अग्रणी भूमिका निभाने की उम्मीद करता है।’’ विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को नागोया में श्री मोतेगी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। बैठक के बाद श्री जयशंकर ने ट्वीट कर कहा, ‘‘जापानी विदेश मंत्री मोतेगी के साथ द्विपक्षीय बैठक के साथ नागोया जी 20 संपन्न। जल्द ही भारत में उनका स्वागत करने की उम्मीद है।’’जयशंकर 30 नवंबर को 2+2 भारत-जापान मंत्रिस्तरीय बैठक के उद्घाटन समारोह से इतर श्री मोतगी के साथ बैठक करेंगे, जहां आरसीईपी वार्ता में भारत के फिर से शामिल होने पर चर्चा होने की संभावना है।