तेहरान। ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ ने न्यूयॉर्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर कई अमेरिकी सांसदों से फोन पर दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण रिश्तों को लेकर चर्चा की है। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मौसवी ने सोमवार को यह जानकारी दी। मौसवी ने कहा, ‘‘हमारा हमेशा से ही अमेरिकी सांसदों के साथ संपर्क रहा है क्योंकि वह अमेरिकी सरकार का प्रतिनिधित्व नहीं करते। दोनों पक्षों ने ईरान-अमेरिका के मौजूदा संबंधों पर चर्चा की।’’उन्होंने अमेरिकी सांसदों की पहचान उजागर करने से इनकार कर दिया। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने महासभा में कहा था कि यदि ईरान के मौजूदा रवैये और व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आता है तो अमेरिका उस पर और अधिक कड़े प्रतिबंध लगाएगा।
ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका ईरान के साथ बातचीत शुरू करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि अमेरिका सहयोगी चाहता है दुश्मन नहीं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने परमाणु समझौते से अलग होने के अपने फैसले का बचाव किया। उन्होंने कहा कि इससे ईरान के परमाणु कार्यक्रम स्थलों की निगरानी नहीं हो सकती थी और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को भी इससे बाहर रखा गया था। गौरतलब है कि ट्रम्प ने गत वर्ष मई में ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका के अलग होने की घोषणा की थी। इसके बाद से ही दोनों देशों के रिश्ते बहुत ही तल्ख हो गये हैं। इस परमाणु समझौते के प्रावधानों को लागू करने को लेकर भी संशय की स्थिति बनी हुई है।
अमेरिका ने ईरान पर कई प्रकार के प्रतिबंध भी लगाए हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 में ईरान ने अमेरिका, चीन, रूस, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। समझौते के तहत ईरान ने उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने पर सहमति जतायी थी।