हिरोशिमा। हिरोशिमा दिवस के मौके पर मंगलवार को यहां 74 साल पहले अमेरिकी परमाणु हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। आज से 74 साल पहले 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध के अंत में अमेरिका ने जापान पर परमाणु बम से हमला किया था। इस हमले में जानमाल का भारी नुकसान हुआ था। शहर के मेयर ने जापानी सरकार से परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र संधि में शामिल होने का आग्रह किया।
समाचार एजेंसी क्योडो के मुताबिक, सुबह ठीक 8.15 बजे मौन रखा गया। 6 अगस्त 1945 को ठीक इसी समय एक अमेरिकी बमवर्षक द्वारा 'लिटिल बॉय' नाम का यूरेनियम-कोर परमाणु बम हिरोशिमा के ऊपर गिराया गया था। एक अनुमान के मुताबिक, उस वर्ष के अंत तक 140,000 लोगों की मौत हो गई थी। उसी साल 9 अगस्त को नागासाकी पर एक दूसरा परमाणु बम गिराया गया था और जापान ने छह दिन बाद आत्मसमर्पण कर दिया था।
दोनों हमलों में जीवित बचे 'हिबाकुशा' (परमाणु बम हमले में बच गए) की संयुक्त संख्या मार्च 2019 को 1,45,844 थी, जिनकी औसत आयु 82.65 थी। हिरोशिमा के मेयर काजुमी मात्सुई ने परमाणु हथियारों के प्रतिबंध पर संधि का जिक्र करते हुए, जो 122 राष्ट्रों के समर्थन से जुलाई 2017 में पारित हुआ था, अपने भाषण में कहा, "युद्ध में परमाणु हथियार झेलने वाले एकमात्र देश की सरकार से हिबाकुशा के अनुरोध पर आग्रह करता हूं कि टीपीएनडब्ल्यू (परमाणु हथिायर प्रतिबंध संधि) पर हस्ताक्षर किया जाना चाहिए और इसको स्वीकृत करना चाहिए।
संधि अभी तक प्रभावी नहीं है क्योंकि अब तक 50 देशों द्वारा इसे स्वीकार नहीं किया गया है जो कि इसके लिए जरूरी है। मेयर ने ग्राउंड जीरो के पास पीस मेमोरियल पार्क में हुए वार्षिक कार्यक्रम में यह बात कही, जिसमें अमेरिका, रूस और ब्रिटेन सहित लगभग 90 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस बीच, टोक्यो में प्रधान मंत्री शिंजो आबे ने कहा कि जापान परमाणु-हथियार संपन्न राष्ट्रों और जो राष्ट्र परमाणु हथियार संपन्न नहीं हैं उनके बीच 'मध्यस्थ' के रूप में कार्य करेगा और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में इस तरह के प्रयास करने में अग्रणी भूमिका निभाएगा।