वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि अफगानिस्तान से सैनिकों को हटाने का क्रम जारी रहेगा लेकिन वहां की स्थिति पर नजर रखने के लिए एक मजूबत खुफिया तंत्र काम करता रहेगा। ट्रम्प ने सोमवार को मीडिया में दिये एक साक्षात्कार में अफगानिस्तान को ‘आतंकवादियों के लिए प्रयोगशाला’ करार देते हुए कहा,‘‘ हमारा एक मजबूत खुफिया तंत्र वहां काम करता रहेगा।
हमें स्थिति पर निगरानी रखनी है। हम वहां खुफिया तंत्र का एक ऐसा मजबूत जाल छोड़ेंगे जिसके बारे में समान्यत: लोग सोच नहीं सकते। हमने अफगानिस्तान से काफी हद तक अपने सैनिकों को स्वदेश बुला लिया है।’’ उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में 16 हजार अमेरिकी सैनिक तैनात थे जिनकी संख्या घटकर मात्र नौ हजार रह गयी है। ट्रम्प ने पिछले माह कहा था कि शीघ्र ही अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की संख्या घटाकर आठ हजार कर दी जायेगी।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी नीत अंतरराष्ट्रीय सेना ने आतंकवादी संगठन अल-कायदा के 9/11 हमले के बाद वर्ष 2001 में अफगानिस्तान में सैन्य अभियान शुरु किया था। अल-कायदा को तालिबान का समर्थन था। हाल ही में अमेरिका और तालिबान के बीच शांति वार्ता का सांतवा चरण शुरु हुआ। अमेरिका ,तालिबान से यह आश्वासन चाहता है कि उसके सैनिकों के लौटने के बाद वह देश को आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगार नहीं बनने देगा। इस बीच शांति वार्ता शुरु होने से पहले ही अफगानिस्तान में आतंकवादी हमले तेज हो गये और सेना तथा पुलिस के कई जवान हताहत हुए हैं।