न्यूयॉर्क। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल ऐरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने अंतरिक्ष मे एक सैटेलाइट को मार गिराने की भारत की सफलता को ‘भयावह’ बताते हुये कहा है कि इससे अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) को खतरा हो सकता है। बीबीसी की मंगलवार की रिपार्ट के अनुसार, अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख जिम ब्रिडेनस्टाइन ने कहा कि भारत के इस परीक्षण की वजह से 10 दिनों के दौरान आईएसएस से मलबों के टकराने का खतरा 44 फीसदी बढ़ गया है।
ब्रिडेनस्टाइन ने कहा - अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन अभी सुरक्षित है। हमें इसकी सुरक्षा करने की जरूरत है और हम ऐसा करेंगे। उन्होंने कहा, नासा ने पृथ्वी की कक्षा में मलबे के 400 टुकड़ों की पहचान की है और 10 सेंटीमीटर से बड़े टुकड़ों की तलाश जारी है। यह भयावह है, इससे अंतरिक्ष में मलबा बढ़ेगा। इस तरह की गतिविधि मानव के अंतरिक्ष उड़ान के लिए अच्छा नहीं है। भारत इस तरह का परीक्षण करने वाले विश्व का चौथा देश है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 मार्च को गर्व के साथ इस परीक्षण (मिशन शक्ति) के सफल होने की घोषणा यह कहते हुये की थी कि इसने भारत को ‘अंतरिक्ष शक्ति’ के रूप में स्थापित किया है।
भारत के एएसएटी परीक्षण करने के एक दिन बाद अमेरिका के कार्यवाहक रक्षा मंत्री पैट्रिक शनाहन ने चेतावनी देते हुये कहा था कि इस कार्य से अंतरिक्ष में मलबा बढ़ सकता है हालांकि अमेरिका अभी भी इसके प्रभाव का अध्ययन कर रहा है। इससे पहले भारत यह कह चुका है कि इसका परीक्षण पृथ्वी की निचली कक्षा में किया गया था ताकि अंतरिक्ष तक मलबा पहुंच ना पाए। भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के प्रमुख जी सतीश रेड्डी ने पिछले हफ्ते एक साक्षात्कार में कहा था कि इसका परीक्षण पृथ्वी की निचली कक्षा में किया है और कुछ ही समय में यह लोप हो जाएगा।