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इंदौर। देश में इस बार मानूसन का आगमन पांच दिन देरी से हुआ है और 5 जून को केरल में दस्तक दे दी है, वहीं आठ जून तक मुंबई भी पहुंच गया है। इतना ही नहीं, देरी से आने के बाद इसका विकास भी सामान्य की अपेक्षा कुछ सुस्त बना हुआ है और अभी तक कुछ स्थानों पर सामान्य की तुलना में काफी कम वर्षा होने की सूचनाएं मिल रही हैं।
मध्यप्रदेश में मानसून 4-5 दिन और लेट होकर 22 जून तक आने की उम्मीद है। इधर, बाजारों में स्टॉकिस्टों की खरीदी के प्रति रुचि कम होने और बिकवाली का दबाव बढ़ने के कारण सोयाबीन की कीमतें पिछले 9 दिनों से लगातार नीचे की ओर जा रही हैं। 1 जून को प्लांट खरीदी सोयाबीन के दाम 3950-4000 रु. थे वो 10 जून तक घटकर 3650 से लेकर 3725 रु. रह गए हैं। अगले कुछ दिनों में मानसून सही तरीके से आगे नहीं बढ़ता है तो सोयाबीन हाजर फिर बढ़कर 3800 रुपए तक पहुंच सकता है।
देश में सोयाबीन की रोजाना की आवक 1 लाख 70 हजार बोरी के आसपास हो रही है जिसमें 80-90 हजार बोरी मध्यप्रदेश, 45-50 हजार बोरी महाराष्ट्र, 15-20 हजार बोरी राजस्थान और अन्य राज्यों में 15-20 हजार बोरी के करीब हो रही है।
कृषि विभाग के मुताबिक सोया प्रदेशों में यदि बारिश कुछ कम भी होती है तो भी सोयाबीन की फसल कम पानी में भी अच्छी पक्क जाती है क्योंकि किसान जहां पर पानी कम गिरता है वहां पर 60-70 दिन में तैयार होने वाली फसल की बोवनी करते हैं। जहां पर पानी की उपलब्धता सुगम रहती है वहां पर 100-110 दिनों में तैयार होने वाली फसल लगाई जाती है। व्यवसायी मनोहर जिंदल का कहना है चालू फसल वर्ष 2014-15 में प्रमुख खरीफ तिलहन सोयाबीन के उत्पादन में कमी आई है और आने वाले समय में सब कुछ यदि अनुमानों के अनुसार ही रहा तो आगामी सीजन 2015-16 में भी सोयाबीन का उत्पादन इस साल से कुछ बढ़कर हो सकता है।
सोया मील पिछले एक सप्ताह पहले जो 35500 रु. थी वो घटकर 33400 रुपए रह गई है। रिसेल में बिकवाली बनी रहने और पोल्ट्री उद्योग की डिमांड कम होने से सोया मील में तेजी के आसार कम ही नजर आ रहे हैं। हाल ही में समाप्त हुए मई के दौरान विश्व के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक मलेशिया के पाम उत्पादों के निर्यात में करीब 45 प्रतिशत का उछाल आने से बाजार की आंतरिक धारणा मजबूत बनी हुई है। इतना ही नहीं, यह भी माना जा रहा है कि मजबूत निर्यात से मई के अंत में मलेशिया का स्टॉक घटकर 21.70 लाख टन के आसपास बचने की संभावना है। ऐसा होता है तो इससे बाजार की तेजी की आंतरिक धारणा को और बल मिलेगा। शिकागो के सक्रिय जुलाई सोया तेल वायदा में बीते कुछ दिनों से लगातार मंदी का सिलसिला जारी है।
अमेरिका में 80 फीसदी बोवनी पूर्ण
अमेरिका में 80 फीसदी बोवनी सोयाबीन की हो चुकी है जो कि पिछले साल से करीब 7 फीसदी कम है। इसका प्रमुख कारण वहां पर ज्यादा बारिश के चलते बोवनी रुकावट के साथ हो रही है।
अर्जेंटीना में सोयाबीन की कटाई पूरी होकर किसान जोर-शोर से फसल बाजार में लाने लगे हैं। ऐसे में वहां के बाजारों में सोयाबीन के दाम घटने के आसार हैं। कोइट के अध्यक्ष लक्ष्मीचंद अग्रवाल ने सरसों की फसल पूरे देश में पूर्व अनुमान 57.40 लाख टन से घटाकर 51.60 लाख टन बताया है।