मान्यता है कि यदि घर में सकारात्मक वातावरण और सकारात्मक वस्तुएं रहेंगी, तो निश्चित ही हमें कार्यों में भी सफलता प्राप्त होगी और धन संबंधी परेशानियों से मुक्ति मिलेगी। वास्तु के अनुसार 8 दिशाएं बताई गई हैं। इन आठों दिशाओं का अलग-अलग महत्व है और हर दिशा के लिए अलग-अलग नियम हैं। वास्तु के अनुसार, घर के उत्तर-पूर्व कोने में किसी अविवाहित स्त्री को नहीं सोना चाहिए।
उत्तर-पूर्व दिशा
यह दिशा दैवीय शक्तियों के लिए श्रेष्ठ होती है। इस दिशा का प्रतिनिधित्व स्वयं दैवीय शक्तियां ही करती हैं। इसलिए यहां मंदिर होना बहुत शुभ रहता है। इस स्थान पर हमेशा साफ-सफाई रहनी चाहिए। इस स्थान पर मंदिर के साथ ही पानी से संबंधित उपकरण भी रखे जा सकते हैं। यदि कोई स्त्री अविवाहित है, तो उसे इस कोने में सोना नहीं चाहिए। इस कोने में कोई अविवाहित स्त्री सोती है तो उसके विवाह में विलंब हो सकता है या स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
दक्षिण-पूर्व दिशा
इस कोण का प्रतिनिधित्व अग्नि करती है। इसलिए इस दिशा में विशेष ऊर्जा रहती है। इस स्थान पर रसोईघर होना सबसे अच्छा रहता है। यहां विद्युत उपकरण भी रखे जा सकते हैं। अग्नि स्थान होने के कारण यहां पानी से संबंधित चीजें नहीं रखनी चाहिए।
दक्षिण-पश्चिम दिशा
इस स्थान का प्रतिनिधित्व पृथ्वी तत्व करता है। इसीलिए यहां प्लांट रखना बहुत शुभ होता है। पौधों में यह शक्ति होती है कि वे हर प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा को ग्रहण कर सकते हैं। इस स्थान पर पौधे रखेंगे, तो आपके घर की पवित्रता और सकारात्मकता बनी रहती है।
उत्तर-पश्चिम दिशा
वायु इस कोण का प्रतिनिधित्व करती है। इस वजह से यहां खिड़की या रोशनदान का होना बहुत शुभ रहता है। यहां ताजी हवा के लिए स्थान होगा तो हमें स्वास्थ्य संबंधी कई लाभ प्राप्त होते हैं। यहां ताजी हवा आने का स्थान होगा, तो कुछ ही दिनों में पारिवारिक रिश्तों में मधुरता आ जाती है।
पश्चिम दिशा
वास्तु के अनुसार, इस दिशा के स्वामी वरुण देव हैं। इस स्थान पर डायनिंग हॉल बनवा सकते हैं। यहां सीढ़ियां बनवाई जा सकती हैं। यहां कोई भारी निर्माण कार्य भी करवाया जा सकता है। पश्चिम दिशा में दर्पण लगाना भी बहुत शुभ होता है। यहां बाथरूम भी बनवाया जा सकता है। गेस्ट रूम भी बनवाया जा सकता है। यहां स्टडी रूम भी शुभ फल प्रदान करता है।
उत्तर दिशा
इस दिशा का प्रतिनिधित्व धन के देवता करते हैं। इस वजह से यहां नकद धन और मूल्यवान वस्तुएं रखी जा सकती हैं। यहां मुख्य दरवाजा भी श्रेष्ठ फल देता है। यहां बैठक की व्यवस्था भी की जा सकती है या ओपन एरिया भी रखा जा सकता है। यहां बाथरूम भी बनवा सकते हैं।