लखनऊ। यूपी में बढ़ते अपराध पर लगाम लगाने के लिए उत्तर प्रदेश कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम ऐक्ट (यूपीकोका) के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। महाराष्ट सरकार के मकोका कानून की तर्ज पर अब यूपी में भी इस ऐक्ट के जरिए अपराध पर रोक लगाने का दावा किया जा रहा है। संगठित अपराधों की रोकथाम के लिए इस बिल को गुरुवार को विधानसभा में पेश किया जाएगा।
यूपी सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कैबिनेट मीटिंग के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, 'यूपीकोका बिल को राज्य सरकार की कैबिनेट मीटिंग में मंजूरी मिल गई है। अब बिल को विधानसभा में पेश किया जाएगा। इससे भू- माफिया, खनन माफिया और संगठित अपराध पर रोक लगेगी।'
बता दें कि राज्य में बढ़ते अपराध पर लगाम लगाने के लिए यूपी सरकार अगस्त महीने से यूपीकोका लाने पर विचार कर रही थी। इससे पहले यह ऐक्ट महाराष्ट्र सरकार ने लागू किया था। सरकार का दावा है कि अंडरवर्ल्ड और राजनेताओं के बीच के नेक्सस यूपीकोका जैसे सख्त कानून से खत्म किया जा सकता है। विधानभवन के दोनों सदनों से बिल पास होने के बाद उसे राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
यूपीकोका के तहत क्या होगी सजा
इस कानून के तहत तीन साल से लेकर उम्रकैद व फांसी की सजा और पांच लाख से 25 लाख तक जुर्माने का प्रावधान करने की तैयारी है। इस कानून के जरिए अपराधियों और नेताओं के नेक्सस पर भी लगाम कसी जाएगी। पुलिस और स्पेशल फोर्स को स्पेशल पावर दी जाएंगीं। यूपी में इससे पहले संगठित अपराध पर कार्रवाई के लिए स्पेशल टॉस्क फोर्स का गठन हुआ था।