गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुई मासूम बच्चों की मौत मामले की जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी राजीव रौतेला ने सौंप दिया है। इसमें ऑक्सीजन सिलेंडर सप्लाई करने वाली कंपनी पुष्पा सेल्स और ऑक्सीजन यूनिट के इंचार्ज डॉक्टर सतीश को लापरवाही का जिम्मेदार ठहराया गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि मामले को लेकर सतीश को लिखित रूप से अवगत भी कराया गया था, लेकिन उन्होंने ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति में बाधा पैदा की। हालांकि वह ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई के लिए जिम्मेदार हैं। लिहाजा वह इसके लिए दोषी हैं।
आइए जानें जांच रिपोर्ट की बड़ी बातें:-
- जांच रिपोर्ट में डॉक्टर सतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया गया है। अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई की देखभाल की जिम्मेदारी डॉक्टर सतीश पर थी। डॉक्टर सतीश एनेस्थेसिया डिपार्टमेंट के हेड हैं। ऑक्सीजन सप्लाई रुकने के असली जिम्मेदार डॉक्टर सतीश हैं। जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑक्सीजन सप्लाई में कमी के बीच डॉक्टर सतीश मुंबई चले गए।
- जांच रिपोर्ट में जिसे दूसरे डॉक्टर को जिम्मेदार ठहराया गया है वो हैं कॉलेज के सस्पेंड किए प्रिंसिपल डॉक्टर राजीव मिश्र. इन्हीं की वजह से ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी को पेमेंट देने में देरी हुई।
- प्रिंसिपल के अलावा जिन्हें अपने पद से हटाया गया उनमें बाल रोग विभाग के प्रमुख डॉ कफील खान थे, लेकिन उन्हें सीधे तौर पर जिम्मेदार नहीं माना गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि सीएमएस, कार्यवाहक प्राचार्य, बाल रोग विभाग के प्रमुख के बीच समन्वय की कमी थी।
-ऑक्सीजन सप्लाई कंपनी पुष्पा सेल्स ने लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित की, जिसके लिए वो जिम्मेदार है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उसे ऑक्सीजन सप्लाई नहीं बंद करनी चाहिए थी।
सचिव स्तर की एक और रिपोर्ट आनी बाकी
हांलाकि अभी सचिव स्तर की एक और रिपोर्ट आनी बाकी है, लेकिन गोरखपुर में बच्चों की मौत लीपापोती करने में जुटी सरकार अब नए नारे के साथ उतर रही है। बीजेपी ने स्वच्छ उत्तर प्रदेश, स्वस्थ उत्तर प्रदेश का नारा दिया है और गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ झाड़ू लगाकर शुरुआत करने जा रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में 10 अगस्त की शाम ऑक्सीजन सप्लाई का रुक गई थी। जिसकी वजह से 36 बच्चों की मौत हो गई थी। बताया गया कि जब अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई रुकी थी और बच्चों की जान सिर्फ एक पंप के सहारे टिकी हुई थी।