सहारनरपुर। दलित समाज के लोगों ने अब अपना आक्रोश व्यक्त करने के लिए नया रास्ता अपनाया है। गुरुवार को दलित समाज के अनेक लोगों ने शासन और प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए देवी-देवताओं के चित्रों और प्रतिमाओं का विसर्जन बड़ी नहर में कर दिया। यहां पर उन्होंने 180 परिवारों के हिन्दू धर्म छोड़ने का दावा किया है। इनका कहना था कि दलित समाज का उत्पीड़न हो रहा है और भीम आर्मी के खिलाफ हो रही कार्रवाई भी गलत है, जिसके विरोध स्वरूप वह हिन्दू धर्म छोड़ रहे हैं।
दावा 180 परिवारों का, लोग 50 भी नहीं
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने दावा किया है कि 180 परिवार हिन्दू धर्म छोड़ रहे हैं। लेकिन मौके पर जमा लोगों की संख्या 50 से अधिक नहीं थी। इस संबंध में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बाकी लोग गांवों में ही रह गए हैं। लेकिन परिवारों की संख्या 180 है।
हिन्दू धर्म छोड़ा, बौद्ध धर्म की ओर झुकाव
हिन्दू धर्म छोड़ने का ऐलान करने वाले इन परिवारों से जब पूछा गया कि उन्होंने अब कौन सा धर्म अपनाया है तो इस पर वह खुलकर नहीं बोले। लेकिन इस प्रदर्शन में ही शामिल कुछ लोगों ने बौद्ध धर्म अपनाने की घोषणा कर अपने इरादे जता दिए हैं।
ये हैं पूरा मामला
आपको बता दें कि सहारनपुर में 20 अप्रैल को सड़क दूधली में अम्बेडकर यात्रा निकलने को लेकर मुस्लिमों और दलितों में पथराव हो गया था। जिसमें कई लोग घायल हो गए थे और उपद्रवियों ने कई वाहनों को आग के हवाले किया था। इसके बाद 5 मई को बड़गांव थाना क्षेत्र के शाबिरपुर गांव में महाराणा प्रताप की यात्रा निकालने को लेकर राजपूतों और दलितों में जमकर बवाल हुआ था, जिसमें दलितों के करीब तीन दर्जन घरों में आग लगा दी गई थी और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था।