उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हलाल सर्टिफिकेट का मुद्दा गर्माता जा रहा है। इस मामले में अखिल भारत हिन्दू महासभा के शिशिर चतुर्वेदी ने हलाल सर्टिफिकेट को एक प्रकार का नया जिहाद बताया है। उन्होंने सरकार पर हलाल सर्टिफिकेट प्रोडक्ट पर बैन लगाने की मांग की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हलाल सर्टिफिकेट मामले में नाराजगी जताते हुए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। सीएम की सख्ती के बाद हजरतगंज कोतवाली में हलाल सर्टिफिकेट देने वाली कंपनियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
शिशिर चतुर्वेदी का कहना है कि सर्टिफिकेट के नाम पर बड़ी रकम वसूली जाती है, जो हिंदुस्तान को जलाने वाले आतंकियों, चरमपंथियों पर खर्च की जाती है। यहां से उलेमा काउंसिल, सिमी, लश्कर आईएसआईएस जैसी संस्थाओं को पैसा दिया जाता है। उन्होंने मांग की है कि सरकार इस पर बैन लगाए हिंदू महासभा साथ है।
लखनऊ के मोतीझील के रहने वाले शैलेन्द्र कुमार ने हजरतगंज थाने में पुलिस को शिकायत दी थी, जिसमें कहा गया कि हलाल इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, जमीयत उलेमा हिन्द हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाल काउंसिल ऑफ इण्डिया मुम्बई, जमीयत उलेमा महाराष्ट्र मुम्बई, 1 मजहब विशेष के ग्राहकों को धर्म के नाम पर छल कर रहीं हैं। पुलिस ने शिकायत के आधार पर इन कंपनियों पर मुकदमा दर्ज किया है।
लखनऊ के व्यापारी द्वारा हलाल सर्टिफिकेट को लेकर की गई शिकायत के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस इसकी जांच में जुट गई है। इस मामले में अब राजनीति भी होने लगी है। दारुल उलूम फिरंगी महली के प्रवक्ता सुफियान निजामी ने कहा है कि इस्लाम सिर्फ इबादत या अकीदे का नाम नहीं है। इस्लाम मे अपने मानने वालों को उनकी जिंदगी के हर मामले में रहनुमाई फरमाई है। हमें क्या खाना है, क्या इस्तेमाल करना है, यह तमाम चीज इस्लाम के दायरे में होनी चाहिए। वह कहते हैं कि जैसे हम गोश्त (मीट) खाते हैं।
इसमें देखा जाता है कि गोश्त हलाल है या नहीं। उलेमा धार्मिक मान्यता के अनुसार इसको हलाल या हराम बताते हैं। हिंदुस्तान के अंदर जो गोश्त एक्सपोर्ट के जरिए दूसरे मुल्कों में जाता है उसपर हलाल सर्टिफिकेट मिला होता है। यहीं सर्टिफिकेट देखकर मुस्लिम देशों में इसे खरीदा जाता है। उनका कहना है कि अगर इस पर बैन लगता है तो इन देशों में इसकी खरीद बंद हो जाएगी। यह हमारे मुल्क की इकोनॉमी का बड़ा नुकसान होगा।