पटना। बिहार में इस वर्ष के लोकसभा चुनावी समर में बिहार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने पिछले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के पराजित योद्धाओं पर दांव नहीं लगाया और जीत के इरादे से इन सीटों की कमान जनता दल यूनाईटेड को सौंप दी है। 16वें लोकसभा चुनाव में भाजपा ने लोक जनशक्ति पार्टी और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के साथ गठजोड़ कर चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में भाजपा ने 30, लोजपा ने सात, और रोलसपा ने तीन सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवार खड़े किए थे।
इनमे से भाजपा ने 22, लोजपा ने छह और रालोसपा ने तीन सीट पर विजय पताका फहराई थी। इस चुनाव में भाजपा को आठ सीटों बांका, भागलपुर, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, अररिया, सुपौल और मधेपुरा सीट पर पराजय का सामना करना पड़ा था। वर्ष 2019 के आम चुनाव में बिहार राजग में भाजपा, जदयू और लोजपा शामिल है। सीट बंटवारे के तहत भाजपा 17, जदयू 17 और लोजपा छह सीट पर चुनाव लड़ने जा रही है। भाजपा ने इस बार के चुनाव में पिछले चुनाव आठ हारी हुई सीटो में अररिया को छोड़कर सात की कमान अपने सहयोगी दल जदयू को सौंप दी है। बांका सीट पर अब तक हुए चुनाव में भाजपा को कभी सफलता नही मिली है।
इस लोकसभा सीट पर कई दिग्गज नेता चुनाव लड़ चुके हैं। बांका से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रशेखर सिंह, उनकी पत्नी मनोरमा सिंह, समाजवादी नेता मधु लिमये, जॉर्ज फर्नांडीस, भारतीय जनसंघ के बीएस शर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह, उनकी पत्नी पुतुल कुमारी भाग्य आजमा चुके हैं। वर्ष 1957 में अस्तित्व में आया यह संसदीय क्षेत्र समाजवादियों का गढ़ रहा है।