इटावा। कभी मथुरा की लट्ठमार होली से तुलना की जाने वाली समाजवादी पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव के गांव सैफई की कपडा फाड होली अब गुजरे जमाने की बात हो चुकी है। सैफई की कपड़ा फाड़ होली अब सिर्फ यादों में सिमट कर रह गई है, क्योंकि कपड़ा फाड़ की जगह अब फूलों की होली ने ले ली है। मुलायम की होली का अंदाज ही कुछ निराला है। सैफई मे मुलायम के घर के भीतर लान में होली का जश्न सुबह से ही हर साल मनाया जाता रहा है, जहां गांव के लोग होली के जश्न मे फाग के जरिए शामिल होते हैं वही पार्टी के छोटे बडेÞ राजनेता भी होली के आंनद मे सराबोर होने के लिए दूर दराज से आते रहते हैं।
रंगों से दूरी बना चुके मुलायम अब गुलाल और फूलों से होली खेल करके आंनद लेते हैं, इसलिए होली के एक दिन पहले ही कानपुर और आगरा जैसे बडेÞ महानगरो से खासी तादात मे फूलों को मंगवा लिया जाता है। संसदीय चुनाव का ऐलान होने के बाद इस दफा की होली पर रंग के कुछ ज्यादा ही चटक रहने की संभावनाए बनी हुई हैं। इसके साथ ही एक बात और भी प्रभावी नजर आती है, क्योंकि मुलायम के अनुज शिवपाल ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन लिया है जिस कारण होली पर शिवपाल और उनके समर्थको की गैरमौजूदगी भी मुलायम के आंगन में दिख सकती है।