झांसी। उत्तर प्रदेश में अपनी जमीन तलाशती कांग्रेस के लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे के तहत बुंदेलखंड की अति महत्वपूर्ण झांसी -ललितपुर सीट जन अधिकार पार्टी को दिये जाने फैसले से यहां पार्टी के कई पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के बीच जबरदस्त निराशा है और इसी घोर निराशा के बीच कांग्रेसियों ने सोमवार को पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र लिखा । शहर कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष पं.चन्द्रशेखर तिवारी की नेतृत्व में कांग्रेसियों ने सोमवार को नगर कार्यालय पर एक बैठक आयोजित की।
बैठक में पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने रोष व्यक्त करते हुए पार्टी के फैसले पर पहले तो सहमति नहीं जताई लेकिन काफी समझाये बुझाये जाने के बाद यह सहमति बनने पर कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र लिखकर यह मांग की गई कि पार्टी के उच्चाधिकारियों ने भले ही अचानक गठबंधन कर लिया हो लेकिन अब जो भी यहां से चुनाव लड़े वह पार्टी के सिम्बल पर ही लड़ा जाए। बुंदेलखंड की इस बेहद महत्वपूर्ण सीट पर कांग्रेस आलाकमान के इस फैसले से पहले ही कमजोर मनोबल का शिकार कार्यकर्ताओं की स्थिति और खराब है।
फैसले के खिलाफ विरोध के स्वर साफ तौर पर सुनायी देने लगे हैं। पार्टी आलाकमान के इस फैसले के बाद कार्यकर्ताओं के बीच भी यह सुगबुगाहट होने लगी है कि कांग्रेस का जनाधार क्षेत्र में काफी कम हुआ है और दबे शब्दों में ही सही कार्यकर्ता यह स्वीकारने लगे हैं कि इस क्षेत्र में कोई ऐसा प्रभावी नेता नहीं बचा और न ही बाहर से कोई ऐसा प्रभावी चेहरा पार्टी दे पायी जो कभी इस क्षेत्र में मजबूत पकड रखने वाली कांग्रेस की स्थिति को मजबूत कर पाता। एक ओर कार्यकर्ता जहां खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर करने लगा है वहीं दूसरी ओर यहां कांग्रेस के नेता पार्टी हाईकमान के फैसले के बचाव करने में लगे हैं।
बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर आंदोलनरत कांग्रेस के ही एक धड़े बुंदेलखंड मुक्ति मोर्चा के भानु सहाय ने कहा कि पार्टी से काफी सोच विचार और पूरा होमवर्क करके ही यह निर्णय लिया होगा और जो उनका फैसला है हम उसके साथ खडे हैं। कार्यकर्ताओं के बीच जो रोष है वह भी शुरूआती है लेकिन एक बार चुनाव प्रचार तेजी पकडने के साथ सारे मतभेद समाप्त हो जायेंगे और कांग्रेसी कार्यकर्ता फिर से पार्टी के साथ मजबूती से खडा हो जायेगा। पार्टी से जुडे प्रभावी नेता बृजेंद्र व्यास ने मजबूती से पार्टी फैसले का बचाव करते हुए कहा कि हम वहीं करेंगे जो पार्टी नेतृत्व ने करने को कहा है। हमने यह सीट छोडी नहीं है बल्कि जीतने के लिए यह फैसला किया है । इस सीट पर जअपा प्रमुख बाबू सिंह ने अपने भाई शिवशरण सिंह के नाम की घोषणा की है ।
सारे समीकरणों को देखते हुए यह सीट कांग्रेस के पाले में ही आये इसी को ध्यान में रखते हुए पार्टी नेतृत्व ने यह फैसला किया है। पार्टी से जुडे सूत्रों ने बताया कि हकीकत में पार्टी को इस सीट पर चुनाव जीतना बेहद कठिन है। पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता प्रदीप जैन आदित्य मेयर के चुनाव में अभी मुंह की खा चुके हैं और इस चुनाव में उनकी जमानत ही जब्त हो गयी। ऐसे में लोकसभा चुनाव में उन पर दाव खेलने कहीं से भी संभव नहीं था वहीं दूसरी ओर पार्टी के अन्य नेताओं ने भी उनकी खुलकर मुखालफत शुरू कर दी थी ऐसे में जैन को टिकट मिलना बेहद मुश्किल हो गया। उनके बाद अगर व्यास या डमडम महाराज की बात करें तो वह विधान सभा चुनाव तक ही खुद को सीमित रखते हैं । लोकसभा चुनाव लड़ने की उन्होंने कोई मंशा नहीं दिखायी और न ही इसके लिए प्रयास किया।
इसके बाद एक अन्य महत्वपूर्ण कांग्रेसी नाम राहुल रिछारिया भी क्षेत्र में इतनी मजबूत पकड़ नहीं रखते कि सीट निकाल पाते । ऐसे में इतनी कमजोर स्थिति को भांपते हुए ही आलाकमान ने यह सीट सहयोगी पार्टी को दे दी है। हकीकत चाहें जो भी हो लेकिन नौ बार कांग्रेस के लिए यह सीट निकालने में बड़ी भूमिका निभाने वाले कार्यकर्ताओं को पार्टी हाईकमान का यह फैसला बेहद नागवार गुजरा है और वह इसके विरोध में खुलकर सामने आ गये हैं। साथ ही पार्टी के इस फैसले से कहीं न कहीं टिकट की आस लगाये बैठे कांग्रेसी नेताओं को भी बडा धक्का लगा है। गौरतलब है कि बीते रोज कांग्रेस पार्टी ने बहुजन समाज पार्टी से निष्कासित मंत्री और कद्दावर नेता बाबू सिंह कुशवाहा की जनाधिकार पार्टी से गठबंधन कर लिया था।
गठबंधन में झांसी-ललितपुर संसदीय सीट जनाधिकार पार्टी के खाते में गई है। इसके बाद से क्षेत्र के कांग्रेसियों में आक्रोश व्याप्त है। जनपद के कई दिग्गज कांग्रेसी नेता लंबे समय से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। बीते रोज गठबंधन की खबर आने के बाद से सभी के चेहरों पर हवाइयां उड़ रही हैं। कार्यकर्ताओं के आक्रोश को देखते हुए आनन फानन सोमवार को बैठक आयोजित की गई। बैठक में शहर अध्यक्ष इम्त्यिाज हुसैन, डा. सुनील तिवारी, महिला जिलाध्यक्ष नीता अग्रवाल,राहुल रिछारिया समेत दर्जनों कांग्रेसी उपस्थित रहे।