नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनना तय है। लेकिन राज्य का मुख्यमंत्री कौन होगा इस सवाल के जवाब के लिए लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। हालांकि सीएम पद की दौड़ के लिए बीजेपी के कई दिग्गजों का नाम चल रहा है। इन्हीं में से एक हैं मनोज सिन्हा।
हालांकि मनोज सिन्हा ने इस बारे में कहा है,'न ही मैं यूपी सीएम की रेस में हूं और न ही मुझे ऐसी किसी रेस के बारे में पता है।' बता दें यूपी में बीजेपी को भारी बहुमत मिला है। पार्टी ने चुनाव में 315 सीटें जीती हैं।
लेकिन मनोज सिन्हा का एक कमजोर पहलू यह है कि वह सवर्ण जाति से आते हैं। यूपी चुनावों में बीजेपी को दलितों और पिछड़ी जातियों का काफी समर्थन मिला, ऐसे में पार्टी उन्हें नाराज करने का जोखिम नहीं लेना चाहेगी। इस लिहाज से अति पिछड़ा वर्ग से आने वाले केशव प्रसाद मौर्य का चयन बीजेपी की समस्या का समाधान कर सकता है। मौर्य को पिछले साल इसी आधार पर बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था, जिसके बाद पार्टी ने दलितों और पिछड़ों के बीच पैठ बनाना शुरू किया। मौर्य के पक्ष में एक और बात जाती है और वह है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से उनका पुराना नाता।
हालांकि बीजेपी के लिए यह बात परेशानी की हो सकती है कि मौर्य के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं और अगर उन्हें सीएम बनाया गया तो विपक्षी दल बीजेपी को निशाने पर लेगी। बीजेपी यूपी में चुनाव प्रचार के दौरान अखिलेश यादव और उनकी समाजवादी पार्टी के खिलाफ बार-बार कानून-व्यवस्था का मुद्दा और कथित 'गुंडाराज' को ही उछालती रही थी।