श्रीनगर। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार ने गलत मंशा से लोकसभा चुनाव के साथ जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं कराने की घोषणा की है और कहा है कि यह सरकार के छिपे मकसद के अनुकूल एक एजेंडा आगे बढ़ाकर जनता को कमजोर करने के लिए समय लेने की जुगत है। राज्य में विधानसभा चुनाव नहीं कराने की मुख्य निर्वाचन आयुक्त की घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सुश्री मुफ्ती ने कहा कि लोगों को अपनी सरकार चुनने का मौका नहीं देना लोकतंत्र की अवधारणा के विरुद्ध है।
उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव नहीं कराने का फैसला भारत सरकार की गलत मंशा की पुष्टि करता है। लोगों को अपनी सरकार चुनने का मौका नहीं देना लोकतंत्र की अवधारणा के विरुद्ध है। साथ ही यह सरकार के गुप्त मकसद के अनुकूल एक एजेंडा को आगे बढ़ाकर जनता को कमजोर करने के लिए समय लेने की युक्ति भी है।
माकपा के वरिष्ठ नेता युसूफ तारीगामी ने कहा कि इस घोषणा से लोगों को काफी निराशा हुई है। राज्य के लगभग सभी राजनीतिक दलों के लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की अपील के बावजूद निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा चुनाव नहीं कराने की घोषणा से राज्य के लोगों में गलत संदेश गया है। आयोग ने विधानसभा नहीं कराने के पीछे कश्मीर में हाल में हुई हिंसक घटनाओं को कारण बताया है लेकिन अगर वास्तव में यही कारण है तो लोकसभा चुनाव कैसे कराये जाएंगे।