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सात साल की उम्र में ही रंगभेद का शिकार हुई थी 'झांसी की रानी'

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Mar 16 2017 2:41PM | Updated Date: Mar 16 2017 2:41PM
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मुंबई। टीवी सीरियल 'झांसी की रानी' में लक्ष्मीबाई के बचपन का किरदार निभाने वालीं उल्का गुप्ता ने हाल ही में बड़ा खुलासा किया है। उल्का ने बताया कि 7 साल की उम्र में वो रेसिज्म की शिकार हुई थीं।
 
जिस वजह से उन्हें इस इंडस्ट्री में काफी स्ट्रगल करना पड़ा। उस दौरान उनका सीरियल 'रेशम डंक' शुरू हुआ था, लेकिन टीआरपी की वजह से ये शो 6 महीने में ही बंद हो गया था।
 
दरअसल, हाल ही में एक हिन्दी अखबार से बात करते हुए उल्का ने बताया कि वो बचपन से डार्क साइड को फेस कर रही हैं। उन्होंने कहा, 'मुझे एक्टिंग का बचपन से शौक है और बचपन से ही मैं इंडस्ट्री का डार्क साइड फेस कर रही हूं।
 
'रेशम डंक' के खत्म होने के बाद मैं अपने पापा के साथ रोज ऑडिशन के लिए जाती थी और हर बार मुझे निराश होना पड़ता था। प्रोड्यूसर्स को हमेशा फेयर लड़की चाहिए।'
 
उल्का ने आगे ये भी बताया कि उनके डार्क कलर की वजह से उन्हें 'सात फेरे' में सलोनी की बेटी का रोल मिला था। उल्का ने कहा, 'इस शो के लिए प्रोड्यूसर्स ने डार्क कलर की बजाय लड़की के टैलेंट पर फोकस किया।
 
कई सालों तक मेरे कास्टिंग एजेंट के पास ऐसे रिक्वायरमेंट्स ही आते, जिनमें लिखा होता है, फेयर लड़की चाहिए। लेकिन मैं उन ऑडिशन में जाती ही नहीं। मैं चाहती हूं कि कलर की बजाय मेरा टैलेंट दिखे।'
 
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