हिमालय पर्वतों का राजा है। यह बहुत विशाल है। इसमें अनेक चोटियां हैं। माउंट एवरेस्ट इसकी सबसे ऊंची चोटी है। भारत के उत्तर में स्थित लगभग 2500 किमी लंबी यह पर्वत श्रृंखला एक सजग प्रहरी की तरह दिखाई देती है।
हिमालय का महत्त्व आदि काल से है। पुराणों में भी इसका वर्णन मिलता है। कहा जाता है कि देवाधिदेव महादेव हिमालय में कैलाश पर्वत पर निवास करते हैं। हिमालय के आंचल में बद्रीनाथ, केदारनाथ, अमरनाथ आदि प्रसिद्ध तीर्थस्थल हैं। बहुत से लोग यहां के दर्शनीय स्थलों को देखने के लिए तथा पर्वतीय स्थलों पर पर्यटन के लिए आते हैं। यहां के अनेक स्थानों पर बर्फ पड़ती है अत: लोग यहां स्कीइंग, आइस हाकी जैसे खेलों का आनंद लेते हैं।
पर्वतारोहियों के लिए हिमालय से अच्छी जगह कोई और नहीं हो सकती। संसार के विभिन्न भागों के साहसी लोग सर्वोच्च पर्वत शिखर एवरेस्ट पर चढ़ाई कर चुके हैं। अन्य पर्वत शिखरों पर चढ़ने लोग आते ही रहते हैं। अत: यहां कई प्रशिक्षण केंद्र भी हैं जहां लोगों को हिमालय पर चढ़ने का प्रशिक्षण दिया जाता है। हिमालय भारत के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है। यदि हिमालय न होता तो भारत के अधिकांश उत्तरी भाग में मरुभूमि होती। यह हिमालय ही है जो पूर्वी तथा दक्षिणी आर्द्र मानसूनी हवाओं को रोककर भारत के उत्तरी राज्यों में वर्षा कराता है। इससे इन राज्यों में भरपूर फसल होती है। इन राज्यों की सभी नदियां वर्षा ऋतु में जलप्लावित रहती हैं। वर्षा ऋतु की समाप्ति के बाद भी गंगा, यमुना जैसी बड़ी नदियों में जल रहता है। इसमें भी हिमालय का योगदान है। हिमालय की ऊंची चोटियों की बर्फ सूर्य की गर्मी से पिघलकर इन नदियों में जल के रूप में आती रहती है। इस तरह हिमालय सूखे होठों की प्यास शांत करने वाला साक्षात देवता बन जाता है।
हिमालय मनोरम स्थल है। यहाँ प्राकृतिक वैभव बिखरा पड़ा है। यहां प्रकृति अपने अनमोल खजाने मुक्त हस्त से लुटाती है। हिमाच्छादित पर्वत अद्भुत हैं। सूर्य की किरणों से इनकी शोभा और भी निखर आती है। देखने वाले ठगे से रह जाते हैं। थोड़े नीचे की ओर चलें तो वनप्रांत आरंभ हो जाते हैं । देवदार, चीड़ आदि के ऊंचे पेड़ यहां की शोभा बढ़ाते हैं। ये पेड़ जगंली जीव-जंतुओं की शरणस्थली हैं। कितने ही जानवर यहाँ निवास करते हैं। भालू, रीछ, हाथी, बंदर, याक, जेबरा, गेंडा, चीता हिरन सब यहां स्वयं को किसी हद तक सुरक्षित अनुभव करते हैं। उधर पेड़ों पर पक्षियों का कलरव सुनाई देता है। छोटी-छोटी नदियां, ऊंचे पहाड़,गहरी खाइयां, पेड़, पशु, पक्षी आदि मिलकर अद्भुत प्राकृतिक दृश्य उपस्थित करते हैं। हिमालय की तराई में अनेक गांव और शहर बसे हैं। पहाड़ी लोग भेड़-बकरियां बड़ी संख्या में पालते हैं। इन पालतू पशुओं के लिए हिमालय में चारागाह होता है। स्थानीय लोग हिमालय से कई प्रकार की जड़ी-बूटियां प्राप्त करते हैं। हिमालय के वनों से कीमती लकड़ियां मिलती हैं जिनसे स्थानिय लोग घर बनाते है। हिमालय क्षेत्र में बहुत ठंड पड़ती है। गर्मियों में भी यहां अधिक गर्मी नहीं पड़ती। इसलिए मैदानी इलाके के लोग यहां गर्मी की छुट्टियां बिताने आते हैं।