अफ्रीकी महाद्वीप के दक्षिण में जिंबाब्वे और जांबिया की सीमा पर स्थित विक्टोरिया फॉल्स विश्व का सबसे बड़ा प्राकृतिक झरना है। यह विश्व के सबसे सुंदर प्राकृतिक अजूबों में से एक है। इसका अफ्रीकी नाम है मोसी ओआ तून्या अर्थात 'धुआं जो गरजे'। इस फॉल के आसपास का क्षेत्र राष्ट्रीय पार्क घोषित किया जा चुका है और यह विश्व धरोहर की सूची में शामिल है।
विक्टोरिया फॉल्स में पानी इतने जोरों से इतने गहराई में गिरता है कि आस पास 20 किलोमीटर तक धुंध दिखाई देती है। उससे होने वाली बौछार उँचे जाकर बारिश की तरह गिरती है। इसी की वजह से यहां रेन फॉरेस्ट बना हुआ है। नजारा तब और खूबसूरत हो उठता है जब अलग-अलग कोण से इंद्रधनुष पानी के ऊपर देखने को मिलते हैं। इसकी गर्जना भी बहुत दूर से सुनी जा सकती है। यह दक्षिणी अफ्रीका के सबसे पसंदीदा पर्यटक स्थलों में से एक है। नवंबर 1855 में यहां पहुंचने वाले पहले विदेशी डेविड लिंगस्टोन थे। उन्होंने ब्रिटेन की महारानी के नाम पर इस फॉल्स का नाम रखा। गरजने वाले धुंए के बारे में सुनकर उन्होंने इसकी खोज शुरू की थी।
यूं तो यह स्थान हमेशा ही आकर्षक लगता है लेकिन मानसून में वर्षा के बाद इसका प्रवाह और भी तेज हो जाता है। मार्च व अप्रैल की बाढ़ में यह अपने पूरे प्रवाह पर होता है लेकिन इसकी बौछारें इतनी तेज होती हैं कि आपको दूर-दूर तक गीला कर देती हैं और उसे देख पाना तक मुश्किल हो जाता है। यहां पर पानी के तेज बहाव में राफ्टिंग का मजा उठाया जा सकता है। इसके अलावा घुड़सवारी और फिशिंग भी की जा सकती है। विक्टोरिया फॉल्स के लिए कई नाम इस्तेमाल किए जाते हैं- रोमांच राजधानी, वर्ल्ड हेरिटेज साइट, दुनिया के प्राकृतिक आश्चर्यो में से एक आदि। लेकिन ये नाम भी इस छोटे से स्थान के का सुंदरता का बखान करने में नाकाम हैं। एक नजर में विक्टोरिया फॉल्स को इस धरती पर गिरते पानी का सबसे चौड़ा प्रपात (सबसे चौड़ा पानी का परदा) कहा जाता है। इसकी चौड़ाई सत्रह सौ मीटर है। दुनियाभर से लोगों के यहां सालभर आने के बाद भी इस जगह के जादू में कोई कमी नहीं आई है।
जाने के लिए सही समय
वैसे तो सालभर जाया जा सकता है लेकिन जून से अगस्त तक यहां मौसम सुहावना होता है। दिसंबर से जनवरी में फॉल्स अपने सबसे निचले और अप्रैल में अपने सबसे उफानी स्तर पर होता है।
कैसे पहुंचे?
विक्टोरिया फॉल्स के लिए अफ्रीका में सभी प्रमुख स्थानों से आसानी से पहुंचा जा सकता है। विक्टोरिया फॉल्स के ही नाम से शहर इस प्रपात से थोड़ा ही दूर है, जहां रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डा, दोनों हैं। दक्षिण अफ्रीका, जिंबाब्वे, जांबिया, बोत्सवाना आदि जगहों से सीधे संपर्क में है।