27 Apr 2024, 03:23:25 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

उत्तर भारत के प्रमुख शहर चंडीगढ़ के तीन ओर पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की सीमाएं लगती हैं। स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की कल्पना के इस शहर को मूर्त रूप देने का कार्यभार सौंपा गया था एक फ्रेंच आर्किटेक्ट ली कारबूजयर को। कारबूजयर ने अपने ममेरे भाई पियरे जेनेरेट तथा मैक्सवेल व जेनड्रेन नामक दंपती के सहयोग से इस नगर का निर्माण किया। इसका नियोजन करते हुए उन्होंने इस बात का पूरा ध्यान रखा था कि यहां आधुनिक युग की सभी सुविधाओं के साथ-साथ प्राचीन भारतीय संस्कृति की उदात्त परंपराएं भी साफ तौर पर दिखाई दें। इसीलिए यहां चौड़ी सपाट सड़कों पर भी भीड़-भाड़ से मुक्त प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लिया जा सकता है।

सुखना झील
कारबूजयर की सबसे पहली कोशिश यह थी कि कोट शिवालिक की पहाड़ियों के दामन में बहते बरसाती बड़े नदीनुमा चौ पलाली का रो (नाला) और सुखना चौ पर इस प्रकार बांध बनाया जाए कि इसका बरसाती पानी शहर में न फैले। उस बांध पर चालीस फुट का एक पैदल रास्ता बनाया गया। इसके चारों ओर पेड़-पौधों की भरमार है।

आम फेस्टिवल
इसी सुखना झील पर हर वर्ष आम फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है। कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के अलावा सावन की तीज के झूले भी यहां पड़ते हैं। चंडीगढ़ आने वाले पर्यटकों का यह सर्वाधिक प्रिय स्थल है। सायबेरियन पक्षियों की सर्दियों की शरणस्थली सुखना झील में मोटरबोटिंग की सख्त मनाही है, लेकिन नौका विहार, स्कीइंग और पानी के अन्य खेल यहां खेले जा सकते हैं। इस शहर की खासियत है स्वच्छता। चंडीगढ़ के लोग खुद अपने शहर की सफाई के प्रति बहुत सतर्क रहते हैं। समुद्रतट से 365 मीटर की ऊंचाई पर स्थित 114 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैले सन 1953 में निर्मित इस शहर में कभी जनसंख्या इतनी कम थी कि सिर्फ सुबह 9.30 बजे और शाम पांच बजे कार्यालयों की छुट्टी के समय ही लाल बत्ती पर लोगबाग दिखते थे। बहुत ही शांत माना जाता है यह शहर। कई लोग तो इसे पत्थरों का शहर भी कहते हैं। उनका मानना है कि यह बसाया हुआ शहर है और इसकी कोई आत्मा नहीं है। इसके लोगों की आर्थिक स्थिति का अंदाज उनके रिहायशी इलाके से आंका जाता है। हर सेक्टर एबीसीडी चार भागों में विभक्त है।

रोज गार्डन
चंडीगढ़ को बागों का शहर भी कहा जा सकता है। खाने-पीने के शौकीन शहरवासी ताजा फूलों के भी बेहद शौकीन हैं। शहर के बीचोबीच सेक्टर-16 में तीस एकड़ भूमि पर फैला है जाकिर हुसैन रोज गार्डन। गुलाब के फूलों की 1600 से भी अधिक जातियों को यहां ले आने का श्रेय भी श्री रंधावा को ही दिया जाता है। उन्होंने ही  चीफ इंजीनियर और आर्किटेक्ट के साथ मिलकर इस रोज गार्डन को ऐसा रूप दिया कि यह गार्डन एक घाटी का आभास देता है। अब यह युवा प्रेमी युगलों की पसंदीदा जगह है और शहरवासियों के लिए सुबह की सैर के लिए बेहतरीन सैरगाह।

चंडिका देवी
शक्ति की देवी चंडिका देवी का मंदिर जो कालका-चंडीगढ़ मार्ग पर स्थित है, हिंदुओं की प्रिय धर्मस्थली है। इसी धर्मस्थल के नाम पर बसे चंडीगढ़ शहर में कई संप्रदायों के लगभग साढ़े सात लाख से भी अधिक लोग रहते हैं, जो बड़े सौहार्द से सभी पर्व मनाते हैं। पंजाबी मूल के अधिक लोग यहां बसे हैं, इसलिए यहां की प्रमुख भाषा पंजाबी, हिंदी और अंग्रेजी है। केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा प्राप्त चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा की राजधानी भी है। यहां की जलवायु बहुत ही सुखद है। भीषण गर्मी में यहां सूती कपड़े और जींस आदि पहने हुए लोग देखे जा सकते हैं। सर्दियों के लिए गर्म मोजे, स्वेटर, जैकेट और शॉल पर्याप्त हैं।

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