मुंबई। वैश्विक स्तर से मिले सकारात्मक संकेतों और घरेलू स्तर पर अर्थव्यवस्था से जुड़े आंकड़ों के मिश्रित रहने के बीच शेयर बाजार में तेजी दर्ज की गयी और अगले सप्ताह भी बाजार में तेजी रहने की उम्मीद की जा रही है क्योंकि सरकार अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए तीसरे चक्र के उपायों की घोषणा की है और जीएसटी परिषद की बैठक के साथ महंगाई और औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े बाजार की चाल तय करने में महत्ती भूमिका निभायेंगे। बीएसई का 20 शेयरों वाला सेंसेक्स समीक्षाधीन अवधि में 403 अंक अर्थात 1.09 प्रतिशत बढ़कर 37384.99 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 129.70 अंक अर्थात 1.18 प्रतिशत चढ़कर 11075.90 अंक पर रहा। इस दौरान दिग्गत कंपनियों की तुलना में छोटी और मझौली कंपनियों का प्रदर्शन अधिक बेहतर रहा। बीएसई का मिडकैप 2.2 प्रतिशत उठकर 13665.59 अंक पर और स्मैलकैप 3.30 प्रतिशत चढ़कर 13013.05 अंक पर रहा।
बीएसई में आईटी समूह में 1.75 प्रतिशत और एफएमसीजी में 0.09 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी जबकि रियलटी, धातु, ऑटो, सीडी, सीजी , तेल एवं गैस और बैंकिंग समूह में 2 प्रतिशत से लेकर छह प्रतिशत तक की तेजी दर्ज की गयी। बाजार अध्ययन करने वाली कंपनी कैपिटलऐम के शोध प्रमुख रोमेश तिवारी ने कहा कि अमेरिकी और चीन के बीच व्यापार तनाव को कम करने की दिशा में वार्ता के सकारात्मक होने से बाजार में तेजी आने की संभावना बनी है। इसके साथ ही सरकार द्वारा रियलटी और निर्यात के लिए किये गये उपायों से भी बाजार बल मिलेगा। एपिक रिसर्च के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुस्तफा नदीम ने कहा कि वैश्विक कारक घरेलू शेयर बाजार को प्रभावित करेंगे। अमेरिका और चीन के बीच वार्ता के साथ ही घरेलू स्तर पर सरकार द्वारा किये गये उपायों का असर भी बाजार पर दिखेगा।