हर साल की तरह इस बार भी 15 अगस्त को पूरे देश में 78वां स्वतंत्रता दिवस बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले पर तिरंगा फहराएंगे। इस महत्वपूर्ण दिन को ध्यान में रखते हुए दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था को सख्त और व्यापक बनाया गया है। केवल लाल किला ही नहीं, बल्कि पूरे दिल्ली शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
दिल्ली के विभिन्न इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था को और भी मजबूत किया गया है। संदिग्ध गतिविधियों की पहचान के लिए दिल्ली पुलिस व्यापक चेकिंग अभियान चला रही है। गाड़ियों की जांच से लेकर सार्वजनिक स्थानों पर निगरानी तक, हर स्तर पर सुरक्षा सख्त की गई है। विशेष रूप से, लाल किले के आसपास और दिल्ली के अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में ड्रोन के माध्यम से निगरानी की जा रही है। स्थानीय लोगों को भी ड्रोन उड़ाने से मना किया गया है, ताकि सुरक्षा में कोई चूक न हो सके।
आपको बता दें कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले और उसके आसपास की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए दिल्ली पुलिस ने एक विशेष ऐप विकसित किया है, जिसे 'ई-परीक्षण' नाम दिया गया है। यह ऐप दिल्ली पुलिस को लोगों का सत्यापन करने में मदद करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि सुरक्षा में कोई कमी न रहे।
वहीं ई-परीक्षण ऐप का उपयोग केवल दिल्ली पुलिस के सुरक्षा और सर्विलांस टीम के अधिकारी ही कर सकते हैं। यह ऐप पूरी तरह से डिजिटल है और इसे विशेष रूप से सुरक्षा के उद्देश्यों के लिए विकसित किया गया है। इस ऐप के माध्यम से पुलिस लाल किले के आसपास के निवासियों का डेटा प्राप्त कर सकती है। इस डेटा में संबंधित व्यक्ति की पृष्ठभूमि, उनके राज्य की जानकारी और उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड है या नहीं, यह सब शामिल होता है।
डीसीपी नॉर्थ, मनोज मीणा के अनुसार, इस ऐप को 2024 में लॉन्च किया गया है और यह 15 अगस्त एवं 26 जनवरी जैसे महत्वपूर्ण अवसरों पर सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने में कारगर सिद्ध होगा। पहले जहां पुलिस को प्रत्येक नागरिक का व्यक्तिगत रूप से सत्यापन करना पड़ता था, अब इस ऐप के माध्यम से यह प्रक्रिया अधिक तेज और सटीक हो गई है।
इसके अलावा दिल्ली पुलिस की टेक्निकल टीम इस ऐप की निगरानी करती है और इसका उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि कितने लोगों का सत्यापन अभी तक लंबित है। इस ऐप का उपयोग करने के लिए एक यूजर लॉगिन की आवश्यकता होती है, जिसे खोलते ही आसपास के सभी निवासियों की पूरी जानकारी मिल जाती है। इन जानकारियों को संबंधित राज्यों की स्थानीय पुलिस से कन्फर्म करने के बाद ही वेरीफाई किया जाता है, जिससे सुरक्षा में कोई कमी न रहे।