भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने कई बड़े एलान किए हैं। सीएम ने बीते दिन कहा कि मप्र पुलिस को सशक्त बनाने के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। इसके लिए बजट में साढ़े 10 हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। इसी के साथ सीएम ने घोषणा की है कि ड्यूटी के दौरान पुलिस के किसी जवान की मृत्यु होने पर सरकार द्वारा दी जाने वाली एक करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि मृतक की पत्नी और माता-पिता के बीच समान रूप से वितरित की जाएगी।
एमपी सरकार का यह निर्णय इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह कैप्टन अंशुमान सिंह के माता-पिता द्वारा केंद्र से निकटतम संबंधी (एनओके) नियमों में संशोधन की मांग के बीच आया है। उनके माता-पिता का कहना है कि दिवंगत अधिकारी की पत्नी अपने पति की मृत्यु के बाद कथित तौर पर घर छोड़कर चली गई।
बता दें कि कैप्टन अंशुमान पिछले साल जुलाई में सियाचिन ग्लेशियर में भारतीय सेना के एक शिविर में लगी भीषण आग से लोगों को बचाते हुए शहीद हो गए थे। उन्हें मरणोपरांत भारत के दूसरे सबसे बड़े शांतिकालीन वीरता पुरस्कार कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया। मध्य प्रदेश में पुलिस कर्मियों के लिए इस वर्ष 25 हजार आवास बनाने का लक्ष्य है, जिनमें से 12 हजार आवास बना लिए गए हैं। पुलिस का कोई जवान शहीद होता है तो परिवार को 1 करोड़ रुपए की राशि दी जाएगी।
सीएम ने कहा कि मध्य प्रदेश के हर जिले में स्वतंत्र रूप से पुलिस बैंड दल कार्य करेगा। स्वर मेघ के तहत प्रस्तुत बैंड कार्यक्रम के सहभागी प्रत्येक सदस्य को 11-11 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मप्र पुलिस में 7500 पदों पर भर्तियां करने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने मोतीलाल नेहरू पुलिस स्टेडियम में स्वर मेघ कार्यक्रम के तहत मप्र पुलिस बैंड द्वारा प्रस्तुत संगीतमय कार्यक्रम का श्रवण किया। कार्यक्रम में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री कृष्णा गौर और महापौर मालती राय उपस्थित थीं। प्रदेश में करीब 330 पुलिसकर्मी पुलिस बैंड के सदस्य के रूप में प्रशिक्षित हुए हैं।