नई दिल्ली। राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि उन्होंने सत्ता में बने रहने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "पैर छुए"। 'जन सुराज' अभियान चला रहे किशोर शुक्रवार को भागलपुर में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
प्रशांत किशोर ने कहा, "लोग मुझसे पूछते हैं कि मैं नीतीश कुमार की आलोचना क्यों कर रहा हूं, जबकि मैंने उनके साथ पहले भी काम किया है। उस समय वे अलग व्यक्ति थे। उनकी अंतरात्मा को बेचा नहीं गया था।" प्रशांत किशोर ने 2015 में जेडी (यू) अध्यक्ष के चुनाव अभियान का प्रबंधन किया था और दो साल बाद औपचारिक रूप से पार्टी में शामिल हो गए।
उन्होंने पिछले सप्ताह दिल्ली में एनडीए की बैठक का हवाला देते हुए आरोप लगाया, "किसी राज्य का नेता उसके लोगों का गौरव होता है। लेकिन नीतीश कुमार ने मोदी के पैर छूकर बिहार को शर्मसार कर दिया।" नीतीश कुमार की जेडी (यू) ने लोकसभा चुनाव में 12 सीटें जीतीं और भाजपा की दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी बनकर उभरी, जो अपने दम पर बहुमत हासिल करने में विफल रही।
प्रशांत किशोर ने कहा, "मोदी की सत्ता में वापसी में नीतीश कुमार की अहम भूमिका के बारे में बहुत चर्चा हो रही है। लेकिन बिहार के सीएम अपने पद का लाभ कैसे उठा रहे हैं? वह राज्य के लिए लाभ सुनिश्चित करने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। वह यह सुनिश्चित करने के लिए पैर छू रहे हैं कि 2025 के विधानसभा चुनावों के बाद भी वह भाजपा के समर्थन से सत्ता में बने रहें।"
आपको बता दें कि प्रशांत किशोर पहली बार 2014 में मोदी के शानदार सफल लोकसभा चुनाव अभियान को संभालने के बाद सुर्खियों में आए थे। 2021 में जब उन्होंने राजनीतिक परामर्श देना छोड़ दिया था तो तब तक किशोर ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और जगन मोहन रेड्डी सहित कई हाई-प्रोफाइल राजनेताओं के लिए काम कर चुके थे।