मुंबई। वित्तीय संकट में घिरी निजी विमान सेवा कंपनी जेट एयरवेज को ऋण देने वाले बैंकों के कंसोर्टियम ने कर्मचारियों को एक माह के वेतन भुगतान के लिए एयरलाइन को 170 करोड़ रुपये की अंतरिम मदद देने से इनकार कर दिया है। जेट एयरवेज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय दूबे ने शुक्रवार को कर्मचारियों के नाम एक आंतरिक संदेश में इसकी जानकारी दी।
उन्होंने कहा ‘‘दुर्भाग्यवश बैंकों ने कहा है कि कम से कम एयरलाइन की हिस्सेदारी बचने के लिए चल रही बोली प्रक्रिया समाप्त होने तक वे वेतन के संबंध में किसी तरह का आश्वासन नहीं दे सकते। कर्मचारियों की परेशानियों के बारे में बैंकों को अवगत कराने के हमारे यथासंभव प्रयास के बावजूद हमें इस सच्चाई का सामना करना पड़ रहा है।’’दूबे के नेतृत्व में जेट एयरवेज के वरिष्ठ प्रबंधन तथा कर्मचारी संगठनों का एक संयुक्त प्रतिनिधि मंडल 20 अप्रैल को नई दिल्ली में वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिला था।
उन्होंने जेटली से कर्मचारियों के एक माह के वेतन के लिए अंतरिम मदद मुहैया कराने की माँग की थी ताकि बोली प्रक्रिया पूरी होने से पहले कर्मचारी नौकरी छोड़कर न जायें। वित्त मंत्री ने उन्हें इस संबंध में बैंकों के कंसोर्टियम से बात करने का आश्वासन दिया था। उन्होंने बताया कि था कि एक महीने के वेतन के लिए कंपनी को 170 करोड़ रुपये की जरूरत होगी। दूबे ने कर्मचारियों को लिखा कि प्रबंधन पिछले कुछ समय से बैंकों के कंसोर्टियम से कर्मचारियों के वेतन के लिए कुछ पैसा जारी करने की माँग कर रहा था।
हमने उन्हें बताया कि हमारे वेतन नहीं मिलने के कारण कर्मचारियों को कितनी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और यदि उन्हें ज्यादा समय तक वेतन नहीं मिला तो उनके पास दूसरी जगह नौकरी तलाशने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। उन्होंने लिखा है कि बैंकों ने कंपनी से साफ कह दिया है कि यह समस्या सुलझाना शेयरधारकों का काम है। शेयरधारकों को काफी पहले समाधान प्रक्रिया के लिए हामी भर देनी चाहिये थी। दूबे ने कहा कि कंपनी के निदेशकमंडल की बैठकों में भी प्रवर्तकों और रणनीतिक शेयरधारकों से बकाया वेतन भुगतान के लिए आपात राहत राशि मिलने की संभावना पर विस्तार से चर्चा की गयी, लेकिन उसका भी कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला।