इटावा। राजस्थान के कोटा बैराज से चंबल नदी में छोड़े गये पानी से उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के अनेक गांव में बाढ़ से तबाही मची है और रास्ते में पानी भरने से आवागमन अवरुद्ध हो गया। सूत्रों के अनुसार अपर जिलाधिकारी और उपजिलाधिकारी ने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा किया और राहत एवं बचाव कार्य के निर्देश दिए। वहीं वापस गई पीएसी बटालियन को भी प्रभावित इलाकों में वापस बुला लिया गया है। उन्होंने बताया कि चंबल नदी में कोटा बैराज से छोडे गये लाखों क्यसेक पानी ने चकरनगर क्षेत्र में चारों तरफ तबाही मचा दी। क्षेत्र के कांयछी हरौली, नीमाडांडा, चकरपुरा, भरेह, भरेह मंदिर, गढाकास्दा, नीवी, बाबा सिद्धनाथ मंदिर, नदा आदि गांवों के रास्तों में पानी भरने से सिर्फ आवागमन ही ठप नहीं हुआ बल्कि उक्त गांवों के ग्रामीण घरों में ही कैद हो कर रह गए।
वही हरौली गांव के आवागमन के लिए नौका का इस्तेमाल किया जा रहा है, जब कि सहसों गांव के समीप एतिहासिक बाबा सिद्धनाथ मंदिर के मार्ग पर बनी पुलिया पर पानी भररने से आवागमन ठप हो गया। वहीं मंदिर पर मौजूद महंत सहित कुछ साधू और गोवंश मंदिर पर ही कैद हो गये। सूत्रों के अनुसार बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का रविवार को अपर जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश श्रीवास्तव ने नवागंतुक उप जिलाधिकारी चकरनगर सत्य प्रकाश मिश्रा और उप जिलाधिकारी भरथना इंद्रजीत सिंह तथा तहसीलदार जगदीश सिंह के साथ क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान अपर जिलाधिकारी ने चंबल नदी किनारे सहसों के समीप बने डॉल्फिन वन विश्राम गृह से मोटर वोट से चंबल नदी में भी घूम कर पानी का जायजा लिया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस मौके पर अपर जिलाधिकारी से बताया कि कुछ गांव है, जिनका आवागमन अवरुद्ध है। उनमें नाव की व्यवस्था जा रही है। वही पीएसी बटालियन को वापस बुला लिया गया है। इसके अलावा बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में तैनात चौकियों से लेखपालों द्वारा निगरानी की जा रही है।