लंदन। क्रिकेट मैदान पर दुर्व्यवहार या हिंसा करने वाले खिलाड़ियों की अब खैर नहीं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की क्रिकेट समिति ने अंपायरों को यह अधिकार देने की सिफारिश की है कि वे अब मैदान पर दुर्व्यवहार करने वाले खिलाड़ियों को बाहर कर सकेंगे।
लंदन में बुधवार और गुरुवार को कुंबले की अध्यक्षता वाली क्रिकेट समिति की बैठक में टेस्ट क्रिकेट की प्रतियोगिता को लागू करने, क्रिकेट को ओलिंपिक खेलों में शामिल करने, अंपायर निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) को ट्वेंटी-20 प्रारूप में भी शामिल करने, अंपायर को खिलाड़ियों को मैदान से बाहर भेजने का अधिकार देने, बल्ले के आकार को लेकर सही मापदंड अपनाने और तीसरे अंपायर को नोबॉल बताने का अधिकार देने जैसी सिफारिशें की गईं हैं।
क्रिकेट समिति ने आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की समिति को ये सिफारिशें दी हैं। यदि मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की समिति इन परिवर्तनों को मंजूर कर लेती है, तो आईसीसी की खेल की नई शर्तें 1 अक्टूबर से लागू हो जाएंगी।
समिति ने डीआरएस को सभी ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में शामिल करने की सिफारिश की है। समिति ने टेस्ट क्रिकेट की प्रतियोगिता को लागू करने की सर्वसम्मति से सिफारिश की है, ताकि क्रिकेट के इस सबसे पुराने प्रारूप के प्रति लोगों के मन में रुचि बनी रहे। समिति ने अपनी अनुशंसाओं में क्रिकेट को ओलिंपिक में शामिल करने की भी वकालत की है और इसके प्रति अपना पूरा समर्थन दोहराया है।
समिति ने अपनी अनुशंसाओं में कहा है कि कोई भी टीम अपना रिव्यू तब नहीं गवांएगी जब पगबाधा रिव्यू अंपायर के फैसले के तौर पर आता है। यदि इस सिफारिश को मान लिया जाता है, तो टेस्ट क्रिकेट में 80 ओवर के बाद दोबारा मिलने वाले रिव्यू को समाप्त कर दिया जाएगा।
भ्रष्टाचार मामले की खुफिया जानकारी नहीं
लंदन। भ्रष्टाचार रोधी इकाई (एसीयू) के आईसीसी प्रमुख सर रॉनी फ्लैनागन ने आश्वस्त किया कि चैम्पियंस ट्रॉफी में भ्रष्टाचार करने के मंसूबे की कोई विशेष खुफिया जानकारी नहीं है, लेकिन पाकिस्तान सुपर लीग के दौरान खिलाड़ियों के भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने के बाद वे आत्ममुग्ध नहीं हो सकते। एसीयू प्रमुख फ्लैनागन ने पत्रकारों से कहा, नहीं, हमें इस समय टूर्नामेंट में भ्रष्टाचार के इरादे की कोई विशेष सूचना नहीं मिली है, लेकिन चाहे कुछ भी हो, इससे हम आत्ममुग्ध नहीं हो सकते।
हमने हाल में दुबई में पाकिस्तानी सुपर लीग में कुछ घटनाएं देखीं, जिसके बाद इसके खिलाफ हम चौकन्ने रहेंगे। फ्लैनागन ने कहा कि अब खिलाड़ियों को भ्रष्ट करने के अन्य तरीके भी हैं, जिसमें मैच के परिणाम को सीधे रूप से प्रभावित नहीं किया जाता। उन्होंने कहा, खिलाड़ियों को आकर्षित करने के प्रयास किए जाते हैं, उन्हें मनाने की कोशिश की जाती है, देखिये आप ऐसा कुछ कर सकते हैं कि इससे मैच के परिणाम पर किसी तरह से असर नहीं हो और इसमें पैसा मिल जाता है।