रायपुर। विश्व हाॅकी में यूरोपीय ताकत बनी बेल्जियम टीम अगले साल होने वाले रियो ओलंपिक की तैयारी में कोई कोर कसर बाकी रखना नहीं चाहती और सभी खिलाड़ियों ने इसके लिए पढाई या काम से ब्रेक लिया है।
विश्व रैंकिंग में चौथे से सातवें स्थान पर खिसकी बेल्जियम की रैंकिंग में गिरावट अंतरराष्ट्रीय मैचों या टूर्नामेंटों की कमी की वजह से आई है। ‘रेड डेविल्स’ के नाम से मशहूर बेल्जियम के खिलाड़ी भारतीयों की तरह अमीर नहीं हैं लेकिन अपने जुनून के दम पर यहां तक पहुंचे हैं।
बेल्जियम के कप्तान जान जान डोमैन ने यहां हाॅकी विश्व लीग फाइनल से इतर कहा, पहले बेल्जियम हाॅकी में पैसा नहीं था लेकिन पिछले कुछ साल से हमारे अच्छे प्रदर्शन से प्रायोजक मिलने लगे हैं। लेकिन अभी उतना पैसा नहीं है जितना भारत में है। हम उतने अमीर नहीं हैं। हम खेल से प्यार के लिए हाॅकी खेलते हैं। पैसा बाद में मिलने लगेगा।
उन्होंने कहा, अधिकांश खिलाड़ी छात्र हैं जबकि दो या तीन ही काम करते हैं। यह साल ओलंपिक साल है और हमने पेशेवर होने का फैसला किया है। हम सिर्फ हाॅकी खेल रहे हैं। सभी खिलाड़ियों ने अपनी पढाई या काम से ब्रेक ले लिया है।
उन्होंने कहा, हमने यहां तक आने में लंबा सफर तय किया है। दस साल पहले हम कुछ नहीं थे और कोई हमें जानता नहीं था। लेकिन खिलाड़ियों की कुर्बानियों से हमें कामयाबी मिली। बिना पैसे और बिना काम के यह मुश्किल होता है।