नई दिल्ली। आईपीएल 2023 में एम एस धोनी (MS Dhoni) की अगुवाई में एक बार फिर चेन्नई सुपरकिंग्स (Chennai Superkings) प्लेऑफ में पहुंच चुकी है। इस टीम की प्लेऑफ में पहुंचने के पीछे एक बड़ी वजह एम एस धोनी की कप्तानी है। इस सीजन माही ने कई मैचों के दौरान कुछ ऐसे फैसले लिए, जिसने मैच का रुख ही बदल दिया। अंततराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह चुके माही का यह आखिरी आईपीएल सीजन है या नहीं, इस बात की कोई जानकारी किसी के पास नहीं है।
अगर इस सीजन के बाद धोनी आईपीएल को अलिवदा कहते हैं तो जितना दुख उनके फैंस को होगा उससे ज्यादा बड़ी परेशानी चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए खड़ी हो सकती है। दरअसल, एम एस धोनी के रहते हुए चेन्नई सुपरकिंग्स को न तो कभी कप्तानी की चिंता रही, न कभी अच्छे विकेटकीपर और न ही एक शानदार फिनिशर की, लेकिन माही के न होने से इन तीनों डिपार्टमेंट्स यानी कप्तानी, विकेटकीपिंग और फिनिशर (Captain, Wicketkeeper and Finisher) के खालीपन को सही प्लेयर से भर पाना इस टीम के लिए बड़ी चुनौती बन जाएगी।
दिलचस्प बात है कि माही के न खेलने से इस लीग में काफी कुछ बदल जाएगा। सबसे बड़ा बदलाव होगा कि एम एस धोनी के न खेलने से सीएसके की फैन फॉलोइंग में जबरदस्त गिरावट आ सकती है। एम एस धोनी ने सीएसके के भविष्य को देखते आईपीएल 2022 में कुछ मौचों के लिए सीएसके की अगुवाई करने की जिम्मेदारी रवींद्र जडेजा को दी थी, लेकिन ये एक्सपेरिमेंट पूरी तरह फ्लॉप साबित हुआ। जडेजा की अगुवाई में खेले गए 8 मैचों में टीम को 6 मैचों में हार का सामना करना पड़ा। इस दौरान जडेजा ने अपना फॉम भी खो दिया। रवींद्र जडेजा की जगह किसी युवा खिलाड़ी को भी टीम का कप्तान बनाया जा सकता है। कयास लगाया जा रहा है कि धोनी के संन्यास लेने के बाद बेन स्टोक्स और ऋतुराज गायकवाड़ को टीम की कप्तानी की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
चेन्नई सुपरकिंग्स के सलामी बल्लेबाज डेवोन कॉन्वे एक विकेटकीपर हैं। वो न्यूजीलैंड के लिए विकेटकीपिंग करते हैं। तो मुमकिन है कि माही की गैर-मौजूदगी में सीएसके के लिए वो विकेटकीपिंग करते नजर आएं। बता दें कि ऋतुराज गायकवाड़ ने भी सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (SMAT 2022) मैच के दौरान विकेटकीपिंग की थी। इसलिए वो भी बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज इस टीम में अपनी दावेदारी ढोक सकते हैं। एम एस धोनी जैसे शानदार फिनिशर का रिप्लेसमेंट ढूंढ पाना सीएसके के लिए क्या पूरी दुनिया के किसी भी टीम के लिए संभव नहीं है, लेकिन उनकी गैर-मौजूदगी में मुमकिन है कि यह काम बेन स्टोक्स और रवींद्र जडेजा जैसे खिलाड़ियों को यह जिम्मेदारी संभालनी पड़ सकती है।