मुंबई। भारतीय टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने दो साल के आराम के बाद वापसी की और नादिया किचनोक के साथ मिलकर डब्ल्यूटीए होबार्ट इंटरनेशनल का युगल खिताब जीत लिया। उन्होंने ट्रॉफी जीतने के बाद कहा कि फुर्ती और फिटनेस को लेकर उन्हें कोई परेशानी नहीं थी लेकिन वह नर्वस जरूर थीं।
सानिया और यूक्रेन की गैरवरीयता प्राप्त जोड़ी ने होबार्ट इंटरनेशनल ट्रॉफी के फाइनल में शुहाई पेंग और शुहाई झांग की दूसरी वरीयता प्राप्त चीनी जोड़ी को एक घंटे 21 मिनट तक चले मैच में 6-4, 6-4 से हरा दिया। 33 साल की सानिया ने फिटनेस हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की लेकिन कोर्ट पर उनकी फुर्ती देख कर लगा ही नहीं कि वह लंबे समय तक खेल से दूर रही थीं।
सानिया ने मेलबर्न से इंटरव्यू में कहा यह कुछ ऐसा था जिसकी मैंने उम्मीद नहीं की थी। मैं वापसी के बाद अपने पहले टूर्नामेंट में ऐसे प्रदर्शन से काफी रोमांचित हूं। उन्होंने कहा ईमानदारी से कहूं तो मुझे लगा था कि मैं इतनी फुर्ती बरकरार नहीं रख पाऊंगी। मैं अपनी फिटनेस को लेकर हैरान हूं।
अभी हालांकि मैं काफी सुधार कर सकती हूं, यही चीज आपको चैंपियन बनाती है। आप हमेशा जैसे हैं उससे बेहतर करना चाहते हैं। 6 ग्रैंडस्लैम जीत चुकीं इस खिलाड़ी ने कहा कि वापसी पर सफलता हासिल करने के लिए किसी मंत्र की जरूरत नहीं, लेकिन वह यहां बिना किसी दबाव के खेलीं। उन्होंने कहा, 'सफलता हासिल करने की कोई कुंजी नहीं है।
मैंने अपने खेल का लुत्फ उठाया। आपको कड़ी मेहनत करनी होती है और अपना खेल खेलना होता है। मैं ढाई साल के बाद खेल रही थी और नई साथी के साथ। इसलिए न तो कोई दबाव था न ही कोई उम्मीद। इस भारतीय महिला खिलाड़ी ने कहा पहले मैच में मैं थोड़ी दबाव में थी, क्योंकि मुझे नहीं पता था कि शरीर पर खेल का क्या असर होगा।
यह मुश्किल मुकाबला था लेकिन इससे हमारे लिए आगे के रास्ते आसान हो गए। मैं मैच दर मैच में सुधार कर खुश हूं। सानिया ने कहा बेटे इजहान को जन्म देने के बाद उनके शरीर में निश्चित रूप से बदलाव आया है लेकिन मैच के बाद तरोताजा होने के लिए उन्हें ज्यादा मेहनत करनी पड़ी।