नई दिल्ली। भारतीय मुक्केबाज निखत जरीन (51 किग्रा) ने टोक्यो ओलंपिक क्वालीफायर्स में प्रवेश के लिए एमसी मैरीकॉम के साथ ट्रायल बाउट नहीं कराने के भारतीय मुक्केबाजी संघ के फैसले के खिलाफ चिंता जाहिर करते हुए केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू को पत्र लिखा है। खेल मंत्री को पत्र लिख उन्होंने अगले वर्ष ओलंपिक क्वालीफायर्स के लिए भारतीय दल का चयन करने से पहले मैरीकॉम के खिलाफ ट्रायल बाउट लड़ने की मांग की। जरीन ने लिखा, ‘‘सर निष्पक्ष रहना खेल का प्राथमिक नियम है और सभी खिलाड़ियों के लिए जरुरी है कि वह हर बार खुद की योग्यता साबित करें। यहां तक की ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता को भी देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए दोबारा बाउट लड़नी होती है।’’मैरीकॉम ने हाल ही में रुस में हुई विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक हासिल कर अपने करियर का रिकॉर्ड आठवां पदक हासिल किया था।
टूर्नामेंट से पहले ही भारतीय मुक्केबाजी संघ (बीएफआई) ने जरीन के साथ ट्रायल कराने से मना करने के बाद मैरीकॉम का चयन कर लिया था। उस वक्त बीएफआई ने मैरीकॉम के प्रदर्शन को देखते हुए बिना ट्रायल के उनका चयन करने का फैसला लिया था। विश्व चैंपियनशिप में बेहतरीन प्रदर्शन के बाद बीएफआई अब ओलंपिक क्वालीफायर्स के लिए मैरीकॉम को भेजने पर विचार कर रहा है। इससे पहले संघ ने फैसला किया था कि वे स्वर्ण और रजत पदक जीतने वाले खिलाड़ी का ही ओलंपिक क्वालीफायर्स के लिए सीधे चयन करेंगे। उल्लेखनीय है कि ओलंपिक क्वालीफायर्स अगले वर्ष फरवरी में चीन में होना है।
51 किग्रा वर्ग में मैरीकॉम के खिलाफ दो बार ट्रायल रद्द करने पर जरीन ने कहा, ‘‘मैं युवा अवस्था से ही मैरीकॉम से प्रभावित हूं और मैं इस प्रेरणा के साथ तभी न्याय कर सकती हूं जब मैं उनके जैसी बड़ी मुक्केबाज बनूं। इसके लिए जरुरी है कि मुझे उनके साथ लड़ने का मौका मिले ताकि मैं खुद को साबित कर सकूं।’’इस बीच मैरीकॉम ने कहा कि वह चयन के लिए बीएफआई के दिशा निर्देश का पालन करेंगी और संघ जिससे बाउट करने कहेगा उसके साथ मैच खेलेंगी।