21 मार्च से चैत्र के नवरात्र शुरू होंगे। इस बार तीज तिथि की हानि होने से नवरात्र आठ दिन के होंगे। 28 मार्च को रामनवमी के साथ नवरात्र का समापन होगा। नवरात्र को लेकर मंदिरो में तैयारियां में शुरू हो गई हैं। पं. अशोक के तिवारी ने बताया कि हिंदू नव संवत्सर का शुभारंभ भी इसी दिन होता है। इसे वासंतिक नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। बताया कि इस साल कलष स्थापना का मुहूर्त सुबह 6:24 से लेकर 7:34 तक है। जो साधक इस समय कलष की स्थापना नहीं कर पाते हैं। तो वे सुबह 11:50 से दोपहर 12:48 बजे स्थापना कर सकते हैं।
मां के पूजन पर नियमों का करें पालन
मां के स्थापना स्थल को साफ-सफाई के साथ ही उत्तरी पूर्वी में रखे। अखंड ज्योति में दो लौंग डालनी चाहिए। इसके साथ ही कलष पर कलावा बांधे। भीगे कपड़ो में मां की आराधना नहीं करनी चाहिए। बालो को खुला नहीं रखना चाहिए। आसन पर बैठकर ही पूजन करें। घी का दीपक जलाकर माचिस की तीली सामने न रखें। गुडहल के पुष्प के साथ लाल रंग की चुनरी अर्पित करें। देवी स्थापना पर शहनाई और बांसुरी नहीं बजानी चाहिए। मां को दूर्वा नहीं चढ़ाना चाहिए।
मां को चढ़ाई जाने वाली भेंट -
पहले दिन :- मां शैल पुत्री का पूजन करने से साधक अपना मन स्थित करते है, इन्हें सफेद फूल चढ़ाने चाहिए।
दूसरे दिन :- तीजा की हानि होने की वजह से मां ‘ब्रह्मचारिणी' और चंन्द्र घंटा का पूजन एक साथ होगा। मां ब्रह्मचारिणी को कमल, गुड़हल के पुष्प अर्पित करने से शारीरिक मानसिक शुद्धता प्राप्त होती हैं वहीं मां चंद्रघंटा को कमल का पुष्प चढ़ाकर अशांति और कलह से मुक्ति मिलती हैं।
तीसरे दिन :- मां कूष्मांडा को पेठा या कुमढ़ा अर्पित करें। इनके पूजन से बीमारियों से मुक्ति मिलती हैं।
चाथे दिन:- स्कंद माता को कमल का पुष्प चढ़ाकर पूजन करने से संतान की प्राप्ति होती है।
पाचवें दिन :- कात्यायनी माता को कमल या गुलाब का पुष्प चढ़ाएं। इससे मोक्ष, अर्थ, काम, धर्म की प्राप्ति होती हैं।
छठे दिन:- मां कालरात्रि को लाल पुष्प प्रिय है घर में सुख शांति के लिए नारियल की बलि दें।
सातवें दिन :- मां महागौरी को सफेद पुष्प चढ़ाएं।
आठवें दिन :- सिद्धिदात्री मां को कमल का पुष्प चढ़ाने से मनोकामनां पूर्ण होती है।
रविवार को माता को यह चढ़ाएं-
नवरात्रि के दौरान राशिवार नौ की संख्या में सामग्री चढ़ाई जाए तो देवी मां की विशेष अनुकम्पा होगी। ज्योतिषाचार्य की माने तो इस नवरात्रि में नौ अंक की संख्या के साथ विशेष संयोग बन रहा है। अंक ज्योतिष को आधार लिया जाए तो भी इस नवरात्रि पर नौ की संख्या विशेष लाभ की स्थिति बना रही है। मेष लौंग तुला जौ वृष इलाइची वृश्चिक बताशे मिथुन चुनरी धनु ध्वजा कर्क नारियल मकर बिन्दी सिंह गुड़हल के फूल कुंभ गुलाब के पुष्प कन्या पेड़े मीन हल्दी चढ़ाएं।