इस बार गणेशोत्सव के दस दिनों में चार सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं। 18 साल बाद ये योग बन रहा है। गणेश चतुर्थी 25 अगस्त को होगी। सूर्योदय के बाद से रात 8.31 बजे तक स्थापना की जा सकेगी। कन्या राशि, चंद्रमा, शनि मार्गों पर होने के कारण गणेशोत्सव पर्व जनसामान्य के लिए लाभप्रद और सुखद होगा। मान्यता है कि इस गणेशोत्सव में युवतियां दस दिन की आराधना (पूजा- पाठ) आदि करें, तो शीघ्र ही इच्छित वर की प्राप्ति होती है।
ज्योतिषाचार्य पं. चंद्रभूषण व्यास ने बताया इस वर्ष गणेशोत्सव में जो चार सर्वार्थ सिद्ध योग बन रहे हैं यह जनसामान्य के लिए लाभप्रद और सुखद होंगे। यह गणेशोत्सव विशेष रूप से युवतियों के लिए अधिक फलदायी रहने वाला है, क्योंकि ऐसे योग में गणेशोत्सव के दसों दिन आराधना करने से उन्हें मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति होगी।
इन चार दिन होंगे सर्वार्थ सिद्धि योग
पंचांगों के अनुसार गणेशोत्सव में 25 अगस्त से 5 सितंबर के बीच चार सर्वार्थ सिद्धि योग आराधना, पूजा- पाठ के लिए विशेष होंगे- 25 अगस्त, 28 अगस्त, 3 सितंबर और 4 सितंबर। ये चार योग सन 2000 के बाद पहली बार 2017 में बन रहे हैं।
गणेशोत्सव के बीच मनेंगे कई पर्व
हिंदू कैलेंडर के मुताबिक गणेशोत्सव से लेकर अनंत चतुर्दशी के बीच कई पर्व भी मनाए जाएंगे। इसमें 26 अगस्त को ऋषि पंचमी, 27 अगस्त को बलदेव छठ, 28 अगस्त को संतान सप्तमी, 29 अगस्त को राधा अष्टमी, महालक्ष्मी व्रत, 30 अगस्त को चंद्र नवमीं, 31 अगस्त को रामदेवजी व तेजाजी जयंती, महालक्ष्मी व्रत, 2 सितंबर को डोल ग्यारस, वामन जयंती, 3 सितंबर को हस्त मुनि मेवाड़ी जयंती मनाई जाएगी।