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Astrology

इन सरोवरों में स्नान करने से मिलता है मोक्ष

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Mar 14 2016 3:11PM | Updated Date: Mar 14 2016 3:11PM
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भारतीय लोक आस्था में सरोवर का बहुत महत्व है प्राचीन काल के कुछ सरोवर आज भी मौजूद हैं, जानें इन सरोवरों का धार्मिक महत्व।
 
पुष्कर सरोवर: 
राजस्थान में अजमेर से 14 किमी दूरी पर स्थित इस सरोवर के पास भगवान ब्रह्मा जी ने स्वयं यज्ञ किया था। यहां पर ऋषि विश्वामित्र के यज्ञ करने की भी बात कही जाती है। कथाओं में यह भी कहा गया है कि भगवान राम ने अपने पिता राजा दशरथ के श्राद्ध यहीं पर किए थे। 
 
पंपा सरोवर:
मैसूर के कंपी के निकट बसे अलेगुंदी गांव को रामायण काल की किष्किधां माना जाता है। यहां से कुछ दूर आगे जाने पर पहाड़ों में कुछ जीर्ण-शीर्ण मंदिर और गुफाएं मिलती हैं जिनमें से एक सबरी गुफा है। कहा जाता है कि भगवान राम यहीं पर सबरी से मिले थे। यहीं पर सबरी के गुरु मतंग ऋषि के नामका एक वन भी है।
 
कैलाश मानसरोवर: 
इस सरोवर के बारे में कहा जाता है कि यहां माता पार्वती स्नान करती हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह सरोवर ब्रह्माजी मन से उत्पन्न हुआ था। इस सरोवर के पास ही कैलाश पर्वत है जो भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है। बौद्ध धर्म में भी इसे पवित्र माना जाता है।
 
बिंदु सरोवर: 
यहां पर प्राचीन काल में कर्दम ऋषि का आश्रम था। कर्दम ऋषि ने यहां पर दस हजार वर्ष तपस्या की थी। यह स्थान अहमदाबाद से उत्तर में 130 किमी दूरी पर है। इसका वर्णन ऋग्वेद में भी मिलता है। माना जाता है कि यहां पर ऋषि परशुराम ने अपनी मां का श्राद्ध किया था।
 
नारायण सरोवर: 
गुजरात के कक्ष जिले के लखपत तहसील में स्थित यह सरोवर भगवान का विष्णु का सरोवर माना जाता है। भागवत पुराण में इस सरोवर की चर्चा है और यहां पर कई प्राचीन ऋषियों के आने के प्रसंग मिलते हैं। 
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