21 अप्रैल यानी अक्षय तृतीया से एक बार फिर शादियों की धूम शुरू हो जाएगी। विक्रम संवत् 2072 में बड़ी संख्या में शुभ विवाह होंगे। इस कारण इस वर्ष शहनाइयों की गूंज कुछ ज्यादा ही सुनाई देगी। मीन मलमास समाप्ति के साथ ही विवाह समारोह की शुरुआत हो जाएगी। अक्षय तृतीया पर विशेषकर विवाह सम्मेलनों का आयोजन भी किया जाएगा। इसमें कई नवयुगल विवाह के इस पवित्र बंधन में बंधेंगे।
ज्योतिषाचार्य पं. बालाराम व्यास के अनुसार अक्षय नाम से प्रतीत होता है इस दिन किया गया मंगल कार्य कभी क्षय नहीं होता है। हिंदू कैलेंडर में अक्षय तृतीया महामुहूर्त माना गया है। 14 जुलाई से गुरु - सिंह राशि में प्रवेश करेगा। इस राशि में गुरु 13 माह तक रहेगा। इस दौरान मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं। लेकिन कुछ विशेष शुभ मुहूर्तों में विवाह हो सकते हैं।
मई में हैं सबसे ज्यादा मुहूर्त : मई माह में सबसे ज्यादा विवाह के शुभ मुहूर्त रहेंगे। 7 मई को 7 रेखा (विवाह मुहूर्त), 8 को 8 रेखा, 9 को 6 रेखा, 19 को 8 रेखा, 20 को 9 रेखा, 25 को 9 रेखा, 27 को 8 रेखा, 28 को 10 रेखा, 30 को 8 रेखा और 31 मई को 7 रेखा का योग होगा।
पांच अबूझ मुहूर्त
- 21 अप्रैल को अक्षय तृतीया।
- 25 जुलाई को भडल्या नवमी।
- 22 नवंबर को देवउठनी ग्यारस।
- 12 फरवरी को बसंत पंचमी।
- 10 मार्च को फुलेरा दोज।
इस माह के मुहूर्त
- 21 अप्रैल 6 रेखा
- 22 अप्रैल 9 रेखा
- 27 अप्रैल 8 रेखा
- 28 अप्रैल 9 रेखा
- 29 अप्रैल 8 रेखा
- 30 अप्रैल 8 रेखा