जहां बच्चे होंगे, वहां शोर-शराबा और हंगामा न हो, ऐसा तो हो ही नहीं सकता। फुर्सत होने पर बच्चे ऐसी शरारतें करते हैं जो उन्हें नहीं करनी चाहिए। इससे हर मां परेशान हो जाती है। उनकी आंखों में तनाव और साथ ही उनके चेहरे पर गुस्सा नजर आने लगता है। उन्हें ऐसा लगता है कि वो जान बूझकर शरारतें कर रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। कई बार ठीक से न सोने के कारण भी बच्चे ज्यादा शरारती हो जाते हैं। अगर आपका बच्चा भी जरूरत से ज्यादा शरारती है तो उसके सोने का समय सुधारें।
नींद न आना
एक शोध में यह बात सामने आई है कि देर से सोने वाले बच्चे अधिक शरारती होते हैं। नींद पूरी न होने के कारण बच्चों में हाइपरएक्टिविटी डिजॉर्डर हो जाता है, जिससे वे और भी ज्यादा एक्टिव हो जाते हंै। कम से कम 70 प्रतिशत बच्चों में इस बीमारी के लक्षण पाएं जाते हंै।
दिमागी शक्ति
1 से 3 साल की उम्र में ठीक से नींद न आने के कारण जब बच्चा के 6 साल को होता है तो उसे इस ये बीमारी हो जाती है। इसके कारण बच्चों की दिमागी शक्ति कम हो जाती है। इससे वो ऐसे काम शरारतें करने लगते हैं।
उचित नींद जरूरी
सोते समय बच्चे के शरीर का कोशिकाएं वयस्त रहती हैं, जिससे बच्चे का दिमाग अपने दाएं और बाएं सेरीब्रम से संपर्क करता है और कार्पस काल्लोसम का निर्माण होता है। यह किसी फाइबर की तरह दाएं और बाएं सेरीब्रम को आपस में जोड़ देता है जिससे बच्चों के शरीर का विकास दोगुनी तेजी से होता है। इसलिए विकास के लिए उनका अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी है।