26 Apr 2024, 05:59:21 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

गर्भावस्था के तीसरे हफ्ते में महिला को दूसरे सप्ताह के मुकाबले ज्यादा बदलााव दिखाई देते है। इन बदलावों और लक्षणों को कई बार महिलाएं पहचान नहीं पाती। हालांकि नए तरह के अनुभवों से महिला को बहुत कुछ जानने का मौका मिलता है।

यही कारण होता है कि कुछ महिलाओं को अपने गर्भास्थ होने की देर से जानकारी हो पाती है। तीसरा हफ्ता भ्रूण विकास में काफी मददगार होता है। इस सप्ताह में अंडा ओवरी से पूरी तरह बाहर आने वाला होता है। दूसरे हफ्ते में ओवरी में अंडे बनकर बाहर आने की तैयारी में होते है। लेकिन तीसरे हफ्ते में ये पूरी तरह बाहर आ जाते है। और सोनाग्राफी के माध्यम से यह पता चल सकता है कि कितने अंडे बने है यानी महिला एक बार में कितने बच्चों को जन्म देने वाली है। इस लेख के जरिए, गर्भावस्था के तीसरे हफ्ते  के  बारे में विस्तार से।

तीसरे हफ्ते के लक्षण-
- कोई भी महिला तीन हफ्ते बाद अपनी आखिरी महावारी के अंतिम दिन से गर्भधारण कर सकती है यानी गर्भाधारण हुआ है या नहीं का पता लगाने के लिए अंतिम महावारी की तारीख याद रखना आवश्यक होता है।
- तीसरे सप्ताह में गर्भवती महिला के गर्भ में अंडा ओवरी से निकल कर फेलोपियन टयूब्स से होते हुए यूटरेस में चला जाता है यदि इंटरकोर्स ओव्युकेशन पीरियड यानी महावारी के अंतिम दिन से आगे के 14 दिनों में किया जाए जो गर्भवती होने की संभावना बढ़ जाती है।
- शरीरिक संबंध के दौरान आपके साथी के शरीर से लाखों स्पर्म निकलते है लेकिन उनमें से कोई एक ही अंडे को फर्टीलाइज करता है। -
- तीसरा सप्ताह गर्भावस्था का सबसे अहम पड़ाव हैै। इस पड़ाव के बाद 265 दिन बाद आपकी दुनिया में एक खूबसूरत शिशु कदम रखता है।
-तीसरे हफ्ते में भ्रूण एक छोटी सी गोली जैसा होता है लेकिन यह हर दिन विकास करता रहता है।
- कुछ महिलाओं को तीसरे सप्ताह में गर्भवती होने के बारे में पता चलता है। ऐसे में उन्हें इस समय को खोना नहीं चाहिए क्योंकि यह वह समय है जब भ्रूण महिला के शरीर में लगातार विकास कर रहा होता है।
- तीसरे सप्ताह में यदि आप सिनेग्राफी के जरिए भ्रूण को देखेंगी तो पाएंगी कि वह किसी मानवीय रुप में नहीं बल्कि छोटे-छोटे सेल्स में है। हालांकि इस सप्ताह में भ्रूण छोटा होता है।
- भ्रूण शुक्राणुओं और अंडाणुओं यानी गुणसूत्रों के संयोजन से बनता है। तीसरे सप्ताह में भ्रूण अंडे में परिवर्तित हो जाता है तो इसमें 9 सेल्सन बनते है।
- तीसरे सप्ताह में यदि गर्भवती महिला स्वस्थ है तो उसमें आम लक्षण जैसे सिर दर्द होना, थकान महसूस होना, बार-बार भूख लगना, मितली आना और एल्टियां होना आदि होती है।
- कुछ महिलाएं ऐसी होती है जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है गर्भवस्था के दौरान ऐसी महिलाओं को अधिक तकलीफ होती है और वह बार-बार बीतार पड़ जाती है। कुछ महिलाएं ऐसे मौकों पर कुछ घातक वायरस की चपेट में आ जाती है।
- इस दौरान यदि आपको कोई समस्या हो तो तुरंत डॉक्टर सलाह लेनी चाहिए, जिससे किसी भी बड़ी परेशानी से बचा जा सकें।

तीसरे सप्ताह में आहार-
- गर्भावस्था के दौरान सही खानपान न करने से कई बीमारियां भी हो सकती है इसीलिए कुछ भी खाने से पहले साफ-सफाई बहुत जरूरी है।
- भ्रूण की विकास प्रक्रि या के दौरान गर्भवती को अच्छा खानपान करना चाहिए क्योंकि बच्चे को भी भोजन मिलता है।
- कच्चा या अधपका मीट खाने से कई बीमारियां हो सकती है। हालांकि डॉक्टर अधिकतर गर्भवती महिलाओं को मांस- मछली न खाने की सलाह देते है।
- बिना धुले साग-सब्जी या फल खाने से कई वायरस गर्भवती महिला और भ्रूण के लिए नुकसानदेह हो सकते है।
- गर्भधारण के बाद डॉक्टर, मटन, कि चन, मछली और घोघा आदि खाने से मना करते है क्योंकि इनसे शरीर में कई तरह के बैक्टीरिया पनपते लगते है। इससे गर्भवती महिला और भू्रण दोनों को खतरा हो सकता है।

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