धमतरी/रायपुर। धान का कटोरा कहलाने वाले छत्तीसगढ़ में किसानों के आत्महत्या किए जाने की खबरें लगातार सामने आ रही थी। शनिवार को महासमुंद जिले के बागबाहरा में आत्महत्या करने वाले किसान की खबर अभी पुरानी भी नहीं हुई थी कि सोमवार सुबह धमतरी जिले के कुरुद थाना क्षेत्र में एक और किसान के खुद के जान दे देने की जानकारी सामने आई है। वहीं प्रशासन इस आत्महत्या की वजह बतौर किसान की बजाय अन्य कारण बता रहा है।
जानकारी मुताबिक सोमवार सुबह धमतरी जिले के कुरुद के निकट के ग्राम बगदेही में किसान चंद्रहास साहू ने कर्ज से तंग आकर आत्महत्या कर ली। परिजनों के मुताबिक उस पर करीब सवा लाख का कर्ज था। उसके पास दो एकड़ जमीन थी, लेकिन पैदावार मन मुताबिक नहीं हो रहा था। केसीसी के लिए उसे पैसा चुकाना था, जिसे वह चुका नहीं पा रहा था। इसकी जिसकी वजह से पिछले दो-तीन दिनों से वह बेहद परेशान था। उसे जून के अंतिम तक पैसा जमा करना था।
बताया जाता कि अपने खेतों के लिए उसने एक बोर भी करवाया था जो वह असफल रहा। ऐसे में पांच लड़कियों का बोझ व लाखों के कर्ज की वजह से 42 वर्षीय चंद्रहास ने फांसी लगा ली।
1 लाख से ज्यादा था कर्ज : परिजन
चंद्रहास की 5 बेटियां हैं, जिनमें से एक की शादी हो चुकी है। कुरुद पुलिस मर्ग कायम कर जांच में जुट है। ग्रामीणों के मुताबिक चंद्रहास सोमवार सुबह 8 बजे होटल में चाय पीने के बाद खेत गया। कुछ देर बाद उसका शव पेड़ से फांसी पर लटका मिला। चाचा रविकुमार साहू का कहना है कि एक लाख रुपए से ज्यादा कर्ज था।
कुछ दिन पहले चंद्रहास करीब 30 हजार रुपए मांग रहा था। वह ढाई एकड़ का काश्तकार था। खेती से रोजी-रोटी नहीं चलने के कारण वह हमाली भी करता था। पत्नी लक्ष्मी बाई व माता रामबाई समेत कुल सात सदस्यों के भरण-पोषण की जिम्मेदारी उस पर थी।
मप्र के किसान आंदोलन पर बोले भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा
मध्यप्रदेश सहित देश के अन्य राज्यों में हुए किसानों का आंदोलन भाजपा सरकार के खिलाफ नहीं था बल्कि यह किसानों और व्यापारियों की झड़प थी। यह बात भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने सोमवार को राजधानी में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कही। उन्होंने कहा कि किसानों को कर्जमाफी के लिए आत्महत्या नहीं करनी चाहिए। उन्हें शांतिपूर्वक और अन्य तरीके से भी सरकार के सामने अपनी बातें रखनी चाहिए। आत्महत्या करना समस्या का समाधान नहीं हो सकता है।
वहीं आम नागरिकों की भी जिम्मेदारी बनती है कि वे किसानों के आत्महत्या को रोकें।उन्होंने समाज को महिमामंडित करते हुए कहा कि वह समाज ही क्या जो सरकार को नियंत्रित न कर सके। सरकार को नियंत्रित करने के लिए समाज को आगे आना चाहिए। समाज ही सरकार को सही आईना दिखा सकता है। उसे नई राह दिखा सकता है।
उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने किसानों को लेकर कई कल्याणकारी योजनाएं बनाई है। आज कृषि के क्षेत्र में विकास हुआ है, जो कि पूर्ववर्ती सरकार के समय नहीं था। इसके बावजूद सरकार की छवि खराब करने के लिए किसानों के खिलाफ इस तरह की अफवाह फैलाई जा रही है।