अहमदाबाद। गुजरात में स्वाइन फ्लू के कहर से अब तक 220 से अधिक लोगों की मौत तथा 2000 से अधिक के पीड़ित पाए जाने के चलते मची अफरातफरी के बीच मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने सूरत, वडोदरा, राजकोट और अहमदाबाद में सिविल अस्पताल में ऐसे मरीजों के लिए अलग बनाए गए आइसोलेशन वार्ड का दौरा किया और किसी भी तरह के फ्लू के लक्षण दिखने पर स्वाइन फ्लू की सबसे कारगर दवा टैमीफ्लू का इस्तेमाल किए जाने की सलाह दी।
स्वास्थ्य मंत्री शंकर चौधरी और मुख्य सचिव जे एन सिंह के साथ अस्पतालों के दौरे के क्रम में पत्रकारों से बातचीत में रूपाणी ने कहा कि स्वाइन फ्लू होने पर ऐसा नहीं समझा जाना चाहिए कि अब खेल ही खत्म हो गया। योग्य और समय से होने वाले इलाज से अगस्त में सबसे अधिक हावी रहने वाली इस चक्रीय संक्रामक बीमारी का आसानी से इलाज हो सकता है।
उन्होंने इसकी रोकथाम के लिए 'एनी फ्लू टैमी फ्लू' का नारा देते हुए कहा कि यह दवा अस्पतालों से लेकर दवा की दुकानों तक मुफ्त उपलब्ध कराई गई है। किसी भी चिकित्सक चाहे वह एलोपैथिक, होमियोपैथिक, आयुर्वेदिक अथवा कोई अन्य के पास फ्लू के लक्षण वाले मरीज के जाने पर उसे टैमी फ्लू का कोर्स दिया जाना चाहिए। रूपाणी ने कहा कि बीमारी के लिए पर्याप्त मात्रा में जीवन रक्षक उपकरण वेंटिलेटर, ऑक्सीजन तथा दवाएं उपलब्ध कराई गई है। राज्य में अब नौ प्रयोगशालाओं में स्वाइन फ्लू के जांच की सुविधा उपलब्ध है।