नैनीताल। उच्च हिमालयी क्षेत्र के पांगला में अतिवृष्टि के कारण पुल के बह जाने से ऐतिहासिक कैलाश मानसरोवर यात्रा फिलहाल बाधित हो गयी है। यात्रा के दो दल आगे की यात्रा के लिये रवाना नहीं हो पाये हैं। अंतिम दल को दिल्ली में रोक दिया गया है जबकि 17वां दल को सोमवार को धारचूला वापस बुला लिया गया है। पिथौरागढ़ जिला प्रशासन को विदेश मंत्रालय के निर्णय का इंतजार है। कैलाश यात्रा मार्ग पर धारचूला से आगे पांगला में रविवार को एक पैदल पुल बह गया था जिससे कैलाश यात्रा मार्ग पर आवागमन ठप हो गया है। पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने यूनीवार्ता को बताया कि पुल को बनने में कम से कम दो से तीन दिन का समय लग सकता है। जिला प्रशासन ने कल केन्द्रीय विदेश मंत्रालय को पूरी वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया है। साथ ही जिला प्रशासन की ओर से कैलाश मानसरोवर यात्रा के 17वें दल को भी वापस आधार शिविर धारचूला बुला लिया गया है। जिला प्रशासन की रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए केन्द्र सरकार ने आज कैलाश यात्रा के अंतिम 18वें दल के सभी यात्रियों को दिल्ली में ही रोक लिया है।
कैलाश मानसरोवर यात्रा से जुड़ी एजेंसी कुमाऊं मंडल विकास निगम के महाप्रबंधक अशोक जोशी ने बताया कि आज अंतिम दल को दिल्ली से रवाना होना था लेकिन दल को फिलहाल दो दिन के लिये दिल्ली में ही रोक दिया गया है। आज अंतिम दल को दिल्ली से रवाना होकर उत्तराखंड स्थित अल्मोड़ा में पहले पड़ाव पहुंचना था। डॉ. जोगदंडे ने बताया कि फिलहाल प्रशासन को विदेश मंत्रालय के निर्णय का इंतजार है। उन्होंने बताया कि कैलाश की परिक्रमा करके लौट रहे दलों के यात्रियों को भी फिलहाल गुंजी में रोकने का निर्देश अधिकारियों को दे दिये गये हैं। दूसरी ओर यात्रा से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि विदेश मंत्रालय की ओर से भारतीय वायुसेना को तैयार रहने को इस संबंध में एक पत्र लिखा गया है जिसमें अंतिम दो दलों के यात्रियों को वायुसेना के हेलीकाप्टरों से गुंजी तक पहुंचाने और वापस लौट रहे दलों के यात्रियों को वापस धारचूला लाने को कहा गया है। हालांकि उन्होंने कहा कि प्रशासन के पास अभी तक इस संबंध में अंतिम स्वीकृति नहीं आ पायी है।